पटना में 100 करोड़ की लागत से बना देश का 60वां इस्कॉन मंदिर, आज होगा उद्घाटन
पटना. सूबे का सबसे बड़ा श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर 12 साल में बनकर तैयार हुआ है. बुद्ध मार्ग स्थित यह मंदिर देश का 60 वां मंदिर है. लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस मंदिर के लिए वर्ष 2004 में मंदिर के लिए जमीन लिया गया. नक्शा पास होने के बाद 2010 में मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ था. तीन मंजिला इस मंदिर में 84 कमरे और 84 पिलर बनाये गये हैं.
40 विदेशी कृष्ण भक्त आये
मंगलवार को श्रीराधा बांके बिहारी और वैदिक संस्कार केंद्र के नाम से इस मंदिर का उद्धाटन किया जायेगा. इस मंदिर को आस्था के सबसे बड़े केंद्र के रूप में स्थापित किया जायेगा. इस समारोह में कई गणमान्य लोग शामिल होंगे. उद्घाटन समारोह समेत पूरा कार्यक्रम पांच दिनों का है. कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 40 विदेशी कृष्ण भक्त आये हैं.
भजन और कीर्तन शुरू
पिछले कई दिनों से भजन और कीर्तन हो रहे हैं. देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है. कई विदेशी महिलाएं यहां होने वाले कीर्तन में शामिल हो रही हैं. सोमवार को कई प्रकार के वाद्ययंत्र हैं, जिन्हें विदेशी श्रद्धालु बजाती नजर आयी. कई विदेशी महिला श्रद्धालु भजन गाते हुए नाचती रहीं. मंदिर में यज्ञ कार्यक्रम भव्य तरीके से किया जा रहा है.वहीं मंदिर की सजावट के साथ-साथ कई प्रकार की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं. वहीं भगवान कृष्ण और राधा से जुड़े कई प्रसंगों को चित्र के द्वारा उकेरा जा रहा है.
द्वारिकाधीश मंदिर की तर्ज पर 84 खंभों पर किया गया निर्माण
लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस मंदिर की खासियत इसकी बनावट है. इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध और ऐतिहासिक द्वारिकाधीश मंदिर की तर्ज पर 84 खंभों पर किया गया है. इसका एक खास कारण है. मंदिर के मीडिया प्रभारी नंद गोपाल दास ने बताया कि जिस प्रकार 84 योनि का धार्मिक दर्शन हैं, ठीक उसी प्रकार इन 84 खंभों की परिक्रमा करने पर जीवन के 84 योनि के चक्र से बाहर होगा. पूरे इस्कॉन मंदिर का निर्माण ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों द्वारा किया गया है. तो वहीं मंदिर में लगाया गया संगमरमर विश्व प्रसिद्ध उसी मरकाना का है, जिससे ताजमहल बने है.
क्या- क्या खास
-वर्ष 2007 में हुआ था इस्कॉन पटना मंदिर का भूमि पूजन
-लगभग दो एकड़ में बने मंदिर को सेमी अंडर ग्राउंड बनाया गया है, जिसमें एक भक्ति कला क्षेत्र है.
-पहले तल्ले पर प्रसादम हॉल है. इसमें एक हजार से अधिक लोग एक साथ बैठ सकते है
-108 फीट ऊंचे मंदिर में 84 खंभे हैं जिसकी लंबाई और चौड़ाई भी 84 फीट
– प्रसाद तैयार करने के लिए मॉडर्न किचेन बनाया गया है.
-दूसरे तल्ले पर मंदिर है जिसमें तीन दरबार बनाये गये हैं राम, कृष्ण और चैतन्य महाप्रभु का दरबार.
-मंदिर परिसर में ही गोविंदा रेस्टोरेंट बनाया गया है जिसमें 56 प्रकार के शुद्ध शाकाहारी व्यंजन प्राप्त होंगे.
-बाहर से आये लोगों के ठहरने के लिए 70 कमरों का अतिथि गृह