बिहार में तीन लाख करोड़ की लागत से बिछ रहा सड़कों का जाल, पटना से दिल्ली की दूरी होगी कम।
बिहार में तीन लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़कों के काम हो रहे हैं. इनमें एक लाख करोड़ के ग्रीन एक्सप्रेस-वे और 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से 1800 किमी के रिंग रोड शामिल हैं. प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के बगल में इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थापित कराएं जाने की भी उम्मीद है. इससे बिहार में उद्योगों का जाल बिछेगा और बिहार का विकास तेज गति से होगा.
बिहार में सड़कों का जाल बिछ रहा है
बिहार में सड़कों का जाल बिछ रहा है जो अगले एक दो सालों में कार्य करने लगेंगे. इसी कड़ी में छपरा से हाजीपुर 70 किमी लंबाई में 700 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण दिसंबर में पूरा हो जायेगा. पटना-बक्सर परियोजना में दानापुर स्टेशन से बिहटा तक 4500 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड सड़क बनायी जायेगी. यह कोइलवर पुल से जुड़ जायेगी.
पटना से दिल्ली की दूरी को 12 घंटे में
यह सड़क आगे पुल के पश्चिमी छोर पर बक्सर तक जायेगी जहां से एक सिक्स लेन लिंक रोड बनाकर इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ दिया जायेगा. बक्सर तक यह प्रोजेक्ट जुलाई तक पूरा हो जायेगा. इसके बाद दिसंबर में एलिवेटेड रोड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए बनने वाले लिंक रोड का टेंडर होगा. यह सड़क बन जाने से पटना से दिल्ली की दूरी को 12 घंटे में पूरी हो सकेगी.
सोन नदी में फोरलेन का ब्रिज
पटना से सासाराम तक बन रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के अंतर्गत कोइलवर के समीप सोन नद में फोरलेन का ब्रिज बनेगा. यह सड़क अभी सड़कों से अलग होगा. साथ ही आरा मोहनिया निर्माणाधीन फोरलेन सड़क भी 2023 में पूरा हो जायेगा. पटना सासाराम के सिक्स लेन सड़क का भी मार्च में टेंडर हो चुका है.
मोकामा से मुंगेर तक ग्रीन फील्ड सड़क
मोकामा से मुंगेर तक साढ़े चार हजार करोड़ की लागत से ग्रीनफील्ड सड़क बनायी जायेगी. इसके लिए इसी साल जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो जायेगा. अभी डीपीआर तैयार हो गयी है. उन्होंने बताया कि 4000 करोड़ की लागत से बिहार में ग्रीनफील्ड योजनाएं चल रही हैं. इसके साथ ही 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से 17 नए ब्रिज बिहार में नदियों पर बनाये जायेंगे. 2024 तक लगभग कार्य पूरे हो जायेंगे.