समस्तीपुर:एसडीआरएफ ने नदी में डूबते लोगो को ऐसे बचाया की लोग रह गए दंग, सचाई जाना तो प्रशासन ने दिया यह जानकारी।
समस्तीपुर । जिलाधिकारी के निर्देश पर डूबने से बचाव को लेकर जन जागरूकता अभियान एसडीआरएफ टीम के द्वारा चलाया गया। मंगलवार को एसडीआरएफ इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा के नेतृत्व में 6 सदस्यीय कार्मिकों ने मोरवा प्रखंड के पंचायत लडुआ स्थित नून नदी डिहिया पुल के निकट जागरूकता अभियान चलाया। अंचलाधिकारी के द्वारा डूबने से होने वाली मृत्यु की रोकथाम के लिए जन जागरूकता को लेकर मॉक ड्रिल कराया गया। इंस्पेक्टर ने बताया कि गांव, टोलों में डूबने की घटनाएं होने पर आपस में लोग एकत्रित होकर दुखद घटना की चर्चा करते हैं। लेकिन इससे कैसे बचा जा सकता है, इस पर जागरूकता के लिए चर्चा होनी चाहिए। इस बात चर्चा करें कि डूबने का कारण क्या था, ऐसा क्यों हुआ, कोई दूसरा न डूबे इसके लिए हमे क्या करना चाहिए। डूबे हुए व्यक्ति को पानी से निकालकर तत्काल प्राथमिक उपचार के तरीके भी बताए गए। जिसमें कहा गया कि यदि डूबा हुआ व्यक्ति के मुंह या नाक में कुछ फंसा हो तो उसे निकाल दें। नाक और मुंह पर अंगुलियों के स्पर्श से जांच कर लें कि ऐसे व्यक्ति की सांस चल रही है कि नहीं। नब्ज की जांच करने के लिए गले के किनारे में उंगलियों से छूकर जानकारी प्राप्त करें। व्यक्ति के मुंह से मुंह डालकर दो बार भरपूर सांस दें। यदि प्रभावित व्यक्ति का पेट फूला हुआ हो तो पूरी संभावना है कि उसने पानी पी लिया है। ऐसा है तो पेट से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू करें। उक्त व्यक्ति को पेट के बल सुलाएं तथा पेट के नीचे तकिया या छोटा जैसा बर्तन जो भी उपलब्ध हो, उसे लगा दें। उसके बाद पीठ के निचले हिस्से पर धीरे- धीरे दबाकर पानी उसके पेट से बाहर निकालें।
यह बताया कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि नदी किनारे बच्चों को ना जाने दे। ऊंचे स्थान से या पुल- पुलियों से नदी में छलांग ना लगाएं। नदी किनारे सेल्फी ना लें। खतरनाक घाट पर स्नान न करें। गर्भवती महिला दिव्यांगजन और बच्चों का विशेष करके ख्याल रखें। इस कार्यक्रम में एसडीआरएफ के हवलदार रितेश कुमार, सिपाही चंदन कुमार, सिपाही अरविद कुमार, सिपाही लाल बाबू कुमार, सिपाही वरुण कुमार तिवारी आदि शामिल रहे।