चिकनपॉक्स के बाद अब तेजी से फ़ैल रहा है मंकीपॉक्स, जानिये कैसे होते हैं लक्षण?
कोरोना ने दुनिया में तबाही मचा दी. इस वायरस ने कई लोगों की जान ले ली. इस वायरस की रोकथाम के लिए कई तरह के वैक्सीन बनाए गए हैं लेकिन अभी तक इसका सटीक इलाज शायद ही मिल पाया है. दुनिया में समय-समय पर कई नई बीमारियों ने लोगों को अपना शिकार बनाया है. इसकी दवाइयां और वैक्सीन निकलने के बाद इनपर लगाम लगाईं जाती है. एक समय में चिकनपॉक्स ने भी दुनिया में कोहराम मचाया था. इसमें बॉडी के ऊपर छोटे-छोटे चकते पड़ जाते हैं. लेकिन अब दुनिया में मंकीवायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है.
लंदन में बीते एक ही हफ्ते में मंकीवायरस के सात मामले देखने को मिले हैं. ये हालाँकि, अभी में शहर से बाहर है, लेकिन एक्सपर्ट्स ने इसके फैलने की दर को देखते हुए इसे खतरनाक बताया है. UK Health Security Agency (UKHSA) ने मंकीपॉक्स को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि देश में मंकीपॉक्स के मामले डिटेक्ट हुए हैं. कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स चिंता का विषय बन गया है. कई लोगों को मंकीपॉक्स के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में आज हम आपको मंकीपॉक्स के बारे में डिटेल में बताने जा रहा है, जिससे आप इसे समय रहते डिटेक्ट कर लेंगे.
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है. NHS की वेबसाइट के मुताबिक़, मंकीपॉक्स एक रेयर इन्फेक्शन है जो ज्यादातर जंगली जानवरों से फैलता है. ये वेस्ट और सेंट्रल अफ्रीका फैला है. यूके में ये वायरस काफी तेजी से पैर पसार रहा है. कुछ लोग इससे कुछ हफ़्तों में उबर जाते हैं लेकिन कई लोगों को ये वायरस गंभीर हालत में पहुंचा देता है. यूके में जिन लोगों में ये वायरस पाया गया है, उनमें से किसी का वेस्ट अफ्रीका से कोई कनेक्शन नहीं रहा है. ऐसे में ये वायरस कैसे फैला, इसकी जांच की जा रही है.
ये हैं लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण स्मालपॉक्स जैसे ही आते हैं. लेकिन उनसे थोड़े हलके. मंकीपॉक्स के लक्षण 14 दिन में कम होने लगते हैं लेकिन इसे खत्म होने में 21 दिन का समय लगता है. इसके मुख्य लक्षण है- तेज बुखार, सिर दर्द, बॉडी में दर्द, पीठदर्द, और ठंड लगना. ये दो से चार हफ़्तों में ठीक हो जाता है. अब आपको बताते हैं कि ये फैलता कैसे है? अगर इन्फेक्टेड इंसान के इस्तेमाल किये हुए तौलिये को स्वस्थ इंसान यूज करे, तो उसे ये इन्फेक्शन हो सकता है. मंकीपॉक्स के दानों को छूकर भी ये फ़ैल जाता है. प्रभावित इंसान के छींकने और खांसने से भी वायरस के फैलने का डर रहता है.