Monday, November 25, 2024
Samastipur

दलसिंहसराय का ऐतिहासिक धरोहर,महाभारत युगीन पांडव स्थल आज भी बाट जोह रहा है अपने उद्धारक की

जिन स्थानों का संबंध पौराणिक काल और महाभारत काल से जुड़ा हो उस स्थान की आस्था किसी पवित्र धाम से कम नहीं होती।जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं उत्तर बिहार के समस्तीपुर जिला के दलसिंहसराय प्रखंड में अवस्थित पांड गाँव की जहाँ पांडव पुत्र अपने अज्ञातवास के दौरान आए थे।इस प्रखंड का सौभाग्य ऐसा है कि यहाँ महाभारत काल की विरासत मौजूद है पर अफसोश यह है कि इसके बजूद पर संकट खड़ा हो गया है ।आलम यह है कि नाम #पांडव_स्थान, विरासत महाभारत काल की, हालात गुमनामी का।यानी सब कुछ होने के बाद भी यहाँ की धरोहर पर्यटन की फलक पर नहीं पहुंच सकी।हम चर्चा कर रहे हैं पांडव स्थान की, जो ऐतिहासिक धरोहरों को अपने गौरवशाली अतीत को गर्भ में समेटे हुए है पर हालात यह है कि यह गुमनामी का दंश झेल रहा है।दुर्भाग्य यह है कि आज तक पर्यटक स्थल के मान चित्र पर इसे स्थापित नहीं किया जा सका है।कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों का अज्ञातवास यहीं से हुआ था।इसी कारण ही इस स्थान का नाम पांडव स्थान पर गया और इस नाम से ही इसे जाना जाने लगा।

पांडव स्थान का होगा विकास तो इलाके की बन सकती है पहचान lइस क्षेत्र की पहचान और पर्यटन की संभावनाएं खोजने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के एकजुट प्रयास की आवश्यकता है।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्वरूप को देखते हुए अगर पांडव स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यहां के विकास को पंख लग सकते हैं। पर्यटन स्थल होने से एक ओर जहां राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे l

सरकार चाहे तो पांडव स्थान एक विश्वविख्यात पर्यटन स्थल में शुमार हो सकता है । क्योंकि यहां कई काल से जुड़े अवशेष मिले हैं। सभी कालखंडों से जुड़े तथ्यों व अवशेषों को एक संग्रहालय में सुशोभित कर उससे जुड़े आधार को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाए तो लोग यहां के समृद्धशाली इतिहास से रूबरू हो सकेंगे।

पांडव स्थान कई काल को अपने में समेटे हुए है।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व को देखते हुए कई वर्षो से इसके पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए आवाज उठाई जा रही है lपांडव स्थान के विकास को लेकर कई वार सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, पर आज तक कुछ नहीं हुआ।

पांडव स्थान को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों से लेकर शिक्षाविद् और इतिहासकार एवं जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल होती नहीं दिख रही है l इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के क्षेत्र में सरकार को प्रयास करना चाहिए।

पांडव स्थान की गर्भ में कई इतिहास छिपे हुए हैं इसको लेकर नगर परिषद् दलसिंहसराय के उपाध्यक्ष पद के भावी उम्मीदवार दीपक कुमार ने आज विश्व विरासत दिवस पर “पांडव स्थल: विरासत महाभारत काल की, हालात गुमनामी का”चिंता जताते हुए दलसिंहसराय की ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने की आवश्यकता जताई है‌।

Kunal Gupta
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