पुलिस थानों में तब्दील किए जाएंगे राज्य के 200 से अधिक ओपी, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार
पटना. राज्य में चुस्त पुलिसिंग के साथ ही अधिक से अधिक आबादी तक थानों की पहुंच बनाने के लिए ओपी (ऑउट पोस्ट) को थानों में तब्दील करने की योजना है. वर्तमान में मौजूद करीब 225 ओपी में 200 को थानों में बदलने से संबंधित प्रस्ताव को पुलिस महकमा अमलीजामा पहनाने में जुटा हुआ है. इसके बाद इस प्रस्ताव को गृह विभाग को भेजा जायेगा. फिर इससे जुड़े सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद इस पर अंतिम स्तर की अनुमति प्राप्त करने के लिए इसे कैबिनेट के समक्ष भेजा जायेगा. इसके बाद इन सभी ओपी को थाना में बदलने और इनके लिए अपने भवन के निर्माण से संबंधित प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी.
इन सभी नये थानों में तमाम आधुनिक सुविधाएं मसलन आगांतुक कक्ष, क्रेच होम, महिला शौचालय एवं बैरक समेत अन्य सभी चीजें रहेंगी. राज्य में जितने भी नये थाने बन रहे हैं, उनमें अब तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाना है. इन्हें नये थाने का दर्जा मिलने के बाद सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क सिस्टम) से जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी. ताकि सभी थाने और इनमें होने वाले कामकाज ऑनलाइन हो सके. इन नये थानों के लिए फिलहाल किसी नये पदों का सृजन नहीं होगा. ओपी में तैनात कर्मी ही इन थानों में तैनात कर दिये जायेंगे और जरूरत पड़ने पर अन्य कर्मियों की पदस्थापना यहां की जायेगी.
थानों की संख्या बढ़कर हो जायेगी एक हजार 267
करीब 200 ओपी को नये थानों में तब्दील करने से राज्य में थानों की संख्या एक हजार 67 से बढ़कर एक हजार 267 हो जायेगी. ओपी का दायरा बढ़ने के साथ ही इनके क्षेत्र से जुड़ी जनसंख्या बढ़ने के कारण ओपी को थानों में तब्दील करने की पहल की जा रही है. ओपी में किसी घटना से संबंधित एफआइआर दर्ज नहीं होती है. थाना बनने से पुलिसिंग सशक्त होने के साथ ही किसी मामले की एफआइआर भी दर्ज हो सकेगी और इनका अनुसंधान भी सही तरीके से हो सकेगा. संबंधित क्षेत्र में अपराध नियंत्रण प्रभावी तरीके से हो सकेगा.
आने वाले दिनों में बचे हुए 25 ओपी के स्थिति की समीक्षा की जायेगी. अगर जरूरत महसूस की जायेगी, तो इन्हें भी नये थानों में तब्दील करने की कवायद दूसरे चरण में शुरू होगी. इसके साथ ही राज्य में ओपी समाप्त हो जायेगा और सिर्फ थाने ही रहेंगे. आने वाले कुछ वर्षों में सिर्फ थाने की खोले जायेंगे, किसी तरह की ओपी खोलने की कोई योजना नहीं रहेगी. जहां जरूरत महसूस की जायेगी, वहां सीधे सभी सुविधाओं वाले मल्टीस्टोरी थाना ही खोले जायेंगे. अभी ओपी की अवधारणा को पूरी तरह से समाप्त करने में कुछ वर्षों का समय लगेगा.