भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत दोनों देशों के बीच अब मालगाड़ी चलाने की तैयारी
जयनगर (मधुबनी), [राघवेंद्र झा]। जयनगर से नेपाल के कुर्था तक दो अप्रैल को यात्री रेल सेवा शुरू होने के बाद अब मालगाड़ी परिचालन की तैयारी है। जयनगर रेलवे स्टेशन से उत्तर नेपाल रेलवे का गुड्स प्लेटफार्म व गोदाम का निर्माण शुरू हो गया है। अभी मिट्टी भराई का काम चल रहा है। निर्माण भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत किया जा रहा है। यह परियोजना 820 करोड़ रुपये की है। वैसे अभी तक नेपाल रेलवे की ओर से मालगाड़ी क्रय की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। इसकी खरीद होगी या भारतीय मालगाड़ी ही इस ट्रैक पर दौड़ेगी, अभी तय नहीं है। गुड्स प्लेटफार्म का निर्माण भारतीय कंपनी इरकान कर रही है। अधिकारियों की मानें तो जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कार्य पूरा हो जाएगा।
तैयारी में जुटा नेपाल रेलवे
जयनगर-कुर्था रेलखंड पर मालगाड़ी परिचालन को लेकर नेपाल रेलवे ने विभागीय कवायद शुरू कर दी है। नेपाल रेलवे को इस बाबत कम से कम एक मालगाड़ी की खरीद करनी होगी। मालगाड़ी परिचालन को लेकर नेपाल रेलवे प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। इसके तहत जयनगर के अलावा भारत के विभिन्न शहरों व महानगरों से माल की ढुलाई शुरू हो सकेगी।
व्यापारियों को होगी सुविधा
इस रेलखंड पर फिलहाल चलाई जा रही डेमू ट्रेन में गुड्स बोगी नहीं है। इससे दोनों देश के व्यापारियों को सामान लाने और ले जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मालगाड़ी का परिचालन प्रारंभ होने से दोनों देश के व्यापारियों को लाभ होगा। इससे व्यापार बढ़ेगा और क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आएगी। इरकान के स्थानीय परियोजना प्रबंधक रवि सहाय ने बताया कि गुड्स प्लेटफार्म व गोदाम का निर्माण चल रहा है। मालगाड़ी शुरू होने से दोनों देशों के व्यापार में तेजी आएगी।
फेस लिफ्टिंगफ्टग के तहत सरैयागंज टावर का विकास
मुजफ्फरपुर : स्मार्ट मिशन के तहत फेस लिफ्टिंग के दौरान सरैयागंज टावर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके लिए 3-डी डिजाइन तैयार कर लिया गया है। इसके अनुसार नीचे में फाउंटेन रहेगा। टावर पर जितने भी महापुरुषों के नाम हैं उन सबको संरक्षित करते हुए पत्थर पर नाम लिखे जाएंगे। स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के अनुसार सरैयागंज टावर शहर की पहचान है। इसी अनुरूप इसका काम होना चाहिए। टावर पर बलिदानियों के नाम अंकित हैं। उसका भी संरक्षण किया जाएगा। इसके लिए मार्बल पर सभी बलिदानियों के नाम अंकित किए जाएंगे।