Monday, December 23, 2024
Bhagalpur

हुनरबाज विजेता 2022: भागलपुर के आकाश बने विनर, प्रभात खबर को बताया संघर्ष और सफलता तक का अद्भुत सफर

कलर्स चैनल के रियलिटी शो हुनरबाज देश की शान में भागलपुर के आकाश कुमार सिंह इस सीजन के विनर बन गये हैं. वे कहते हैं कि सालों की मेहनत का आखिरकार मुझे फल मिल गया.इस जीत व अब तक के संघर्ष और भविष्य को लेकर उनकी योजनाओं पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

15 लाख की राशि आपने जीती है उससे क्या आपकी प्लानिंग है?

ये मेरे पैसे नहीं हैं. मेरे मम्मी-पापा के हैं. मुझे उनके लिए बहुत कुछ करना है. भागलपुर में घर के नाम पर हमारी झोपड़ी है. मैं वहां पक्का मकान बनवाना चाहता हूं. अपने मम्मी-पापा को अच्छी ज़िन्दगी देने के लिए ही मैं ये पैसे खर्च करूंगा.

क्या किसी इंटरनेशनल शो में हिस्सा लेने वाले है?

मैं इंटरनेशनल शो में हिस्सा लेकर अपने गांव और देश का मान बढ़ाना चाहता हूं. इसके अलावा मशहूर कोरियोग्राफर प्रदीप उत्तेकर दा ने शो के दौरान मुझे अपने साथ काम करने का आफर दिया था, तो मैं वो भी करना चाहूंगा. मैं बहुत ज्यादा काम करना चाहता हूं.

रियलिटी शो के दौरान सबसे मुश्किल एक्ट कौन सा था?

बीते सप्ताह एक एक्ट करते हुए मुझे चोट लग गयी. मेरा वो एक्ट जय जवान जय किसान को समर्पित था. उस एक्ट की रिहर्सल करते हुए मेरे आगे के तीन दांत टूट गए थे. मेरी दाढ़ी और कंधे सब चोटिल हो गए थे.मेरा पूरा चेहरा सूज गया था .अगले दिन मेरा शूट था .मैंने उसी दर्द में शूट किया और एक्ट बहुत अच्छा हुआ.

जजेस में से आपकी सबसे पसंदीदा जज कौन थी?

परिणीति मैम ,उनको फिल्मों में देखते थे.सामने से उनको देखकर नर्वस हो गया था.उन्होंने बहुत मुझे कंफर्टेबल किया.उन्होंने मुझे अपना भाई बनाया.यह बात बहुत खास है.

आपके गांव में आपका मज़ाक बनाया जाता था अब लोगों का क्या कहना है?

गांव में जो लोग ताना मारते थे .मेरे मम्मी पापा को पूछते नहीं थे.अब मेरे मम्मी पापा के साथ लोग फोटोज लेते हैं. इस शो से जुड़ने के बाद से ही मुझे और मेरे परिवार को सम्मान मिलने लगा

आप भागलपुर से मुम्बई कब आए थे ?

2018 के नवम्बर में मुंबई आया था.एक रियलिटी शो के लिए ही मुंबई आया था लेकिन मुम्बई आने के बाद उस रियलिटी शो वालों ने मुझे कांटेक्ट ही नहीं किया है. मुंबई में किसी को जानता नहीं था औऱ गांव में बोलकर आया था कि मैं टीवी पर आऊंगा.इसके अलावा मेरे गाँव में कोई स्कोप नहीं था क्यूंकि मैं एरियल एक्ट करता हूं.किसी को उसके बारे में पता भी नहीं था.लोगों हंसी उड़ाते कि पेड़ पर ये लटकता रहता है.तय कर लिया था कि वापस गांव नहीं जाना है.मुम्बई में ही कुछ करना है.

मुम्बई के संघर्ष भरे सालों को किस तरह परिभाषित करेंगे

मुम्बई आने के बाद लगा कि कोई पार्क मिल जाए तो मैं वहां अपनी प्रैक्टिस कर लूं.यही मेरी पहली कोशिश थी.लोगों से पूछते पूछते शिवाजी पार्क पहुंच गया. देखा वहां पर बहुत लोग क्रिकेट खेलते हैं.मलखम भी होता है.शिवाजी पार्क में मुझे एक पेड़ दिख गया.मैं खुश हो गया. मैं वहीं प्रैक्टिस करता था और सो जाता था.तीन से चार दिन ऐसे ही बीत गए. फुटपाथ पर सो जाता था. गुरुद्वारे जाकर खाना खा लेता .मुझे पता नहीं था कि पेड़ पर प्रैक्टिस करने के लिए भी यहां परमिशन की ज़रूरत होती है.

मैं गाँव से था तो मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. वहां पर एक सर थे उदय देशपांडे. उस जगह पर उनकी संस्था सक्रिय थी.उन्हें मालूम पड़ा कि एक लड़का यहां प्रैक्टिस करता है.यही रहता है.उन्हें लगा कि अगर प्रैक्टिस करते हुए चोट लग गयी या कुछ हो गया तो उनपर सवाल उठेंगे. मुझे लगा वो जगह भी छीन जाएगी.मैं रोने लगा और रोते रोते सबकुछ बता दिया और कहा कि सर मैं जो एक्ट करता हूं.वो आप एक बार देख लो क्योंकि मुझे अपनी प्रतिभा पर भरोसा था कि जो भी मेरा एक्ट देखेगा.वो मुझे मना नहीं करेगा. उन्हें बहुत अच्छा लगा . जिसके बाद उन्होंने मेरी बहुत मदद की.

फुटपाथ से उठाकर वे मुझे संस्था के जिमखाना में लेकर गए जहां मेरी प्रैक्टिस के साथ साथ रहने का भी इंतजाम उन्होंने किया. अपने खाने पीने के खर्चे के लिए मैंने अखबार से लेकर दूध बेचा. उसके बाद रातमें सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा और दिन में प्रैक्टिस करता था. हुनरबाज के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी से कुछ दिनों के लिए ब्रेक लिया है.

एरियल एक्ट के प्रति आपका रुझान कैसे हुआ ?

मैं बिहार में भागलपुर से जमसी गांव से हूं .पापा ड्राइवर का काम करते हैं तो वो भागलपुर शहर में ही काम करते थे तो हमलोग भागलपुर ही आ गए.गांव में हमारा घर नहीं था . खाने पीने की भी दिक्कत थी इसलिए शहर आ गए लेकिन परेशानियां कम नहीं हुई.पापा 4 हज़ार कमाते थे डेढ़ हज़ार घर के भाड़े में चले जाते थे. पापा की मदद के लिए नाईट शिफ्ट में सिक्योरिटी गार्ड का काम करने लगा.दिन में पढ़ाई और डांस करता था.मैं डांस सीखने लगा. वी बोइंग किया.उसके बाद कंटेम्पररी स्टाइल.देखा कि सभी लोग डांस कर रहे हैं.समझ आने लगा था कि जो सब कर रहे हैं अगर मैं भी वही करूंगा तो कभी अपनी पहचान नहीं बना पाऊंगा.

मैंने मोबाइल पर विदेश के रियलिटी शो देखें जहां मैंने एरियल एक्ट करते लोगों को देखा.देखकर लगा कि मैं कर लूंगा.पता नहीं था कि एरियल एक्ट अलग कपड़े पर होता है. मैंने टेंट बांधने वाला कपड़ा ले लिया.सोचा कि लंबा होता है बस यही बात काफी है. एरियल एक्ट करते हुए कई बार मेरे शरीर पर कट लग जाता था.शरीर से खून निकलने लगता था लेकिन मैंने जारी रखा .

खुद की वीडियो बनाता और देखता कि मेरे पैर और हाथ के पोज सही है या नहीं.उसी दौरान मैंने इंडिया गॉट टैलेंट रियलिटी शो का ऑडिशन दिया.उन्होंने कोलकाता आने को कहा वहां भी मेरा सेलेक्शन हो गया फिर मुम्बई बुलाया लेकिन यहां आने के बाद उन्होंने मुझे कांटेक्ट किया.उसके बाद मेरे साथ क्या क्या हुआ.ये मैं पहले भी बता चुका हूं. रियलिटी शो में आने के लिए मैंने अपनी बीकॉम की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी.सेकेंड ईयर में था. उसका मुझे बहुत अफसोस.

Kunal Gupta
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