बिहार में लो प्रेशर व पश्चिमी विक्षोभ विकसित नहीं होने के कारण लग रही चैत में जेठ सी गर्मी
समस्तीपुर।
ठंड खत्म होने के बावजूद बिहार के क्षेत्र में लो प्रेशर अथवा पश्चिमी विक्षोभ विकसित नहीं हो पाया है। इससे अधिकतम व न्यूनतम तापमान समान्य से अधिक हो रहा है। इससे चैत में जेठ सी गर्मी का एहसास हो रहा है। मार्च महीने में ही लोग धूप से बचने के लिए छाता का प्रयोग करने लगे हैं। राजेंद्र केंद्रीय कृष विश्व विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ गुलाब सिंह ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों में अधिकतम तापमान 38 डिग्री से ऊपर जा सकता है। इस दौरान उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं जिससे मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।
इस अवधि में 10-12 किलोमीटर की रफ्तार से पूरवा हवा चले की संभावना है। उन्होंने कहा कि ठंड खत्म होने के बाद वातावरण में कोई मौसमी सिस्टम विकसित हो जाता था। लेकिन अबतक किसी प्रकार का मौसमी सिस्टम विकसित नहीं हो रहा है। गत वर्ष भी ठंड के बाद बारिश व तूफान आया था। इससे वातावरण समान्य हो गया था। लेकिन अबतक इसकी संभावना नहीं दिख रही। उधर, बुधवार को अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री रिकार्ड किया गया। जो समान्य से 5.4 डिग्री अधिक है। जिस कारण भी अधिक गर्मी लग रही है। कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि आम में मटर के दाने के बराबर की अवस्था हो गई है।