उत्तर बिहार में अभी और सताएगी गर्मी, बचाव के लिए करें कुछ जरूरी उपाय
समस्तीपुर (पूसा),। चैत्र माह में ही सूरज के तेवर तल्ख हो गए हैं। अमूमन होली के समय देर रात और सुबह में आंशिक ठंड का एहसास होता था और हवा में फागुन का आनंद रहता था लेकिन तीन सालों बाद इस बार गर्मी की स्थिति भयावह दिख रही है। मौसम के तेवर को इसी बात से समझा जा सकता है कि रविवार को यहां का अधिकतम तापमान 35 डिग्री पर चला गया। जो सामान्य से 3.1 डिग्री अधिक था। इसके पूर्व गुरुवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। तीन दिनों के अंदर तापमान में दो डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। इस वजह से लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं।
घरों में एसी चलने लगे हैं और दोपहर में बिना छाता बाहर निकलने पर शरीर झुलस रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बार की गर्मी पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ेगा। हालांकि अगले दो माह में मॉनसून पूर्व और मॉनसून सीजन की उपलब्धता पर आगे का रूख तय होगा। पिछले दो सालों में जिले में प्री मॉनसून सीजन में बारिश होती रही थी। मार्च से लेकर मई तक खूब बारिश हुई थी। समस्तीपुर और आसपास के इलाके में अधिकतम तापमान सोमवार को 35 डिग्री पर पहुंच गया, जो हाल के वर्षों में एक रिकॉर्ड है। वर्ष 2020 और 2021 के मार्च महीने में अधिकतर दिन अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे ही रहा था। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम और जलवायु विशेषज्ञ डा. ए सत्तार बताते हैं कि मार्च महीने में तापमान की तपिश से आम लोग बेचैन हैं। अभी तो शुरूआत है। चालीस डिग्री से भी ऊपर तापमान जाने की उम्मीद है। अभी से ही इसका प्रतिकुल प्रभाव फसलों पर पडऩे लगा है।
पानी का करें सेवन, धूप में निकलने से करें परहेज
होम्योपैथिक विशेषज्ञ डा. कमर आलम ने कहा कि जिस तरह से गर्मी अचानक बढ़ गई है उसमें अपने खान-पान रहन-सहन पर ध्यान दें वरना बीमार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। दिन के समय धूप में बाहर निकलना जरूरी है तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। इसके अलावा टैङ्क्षनग और सनबर्न से बचने के लिए छतरी, टोपी, गीला तौलिया और ठंडा पानी साथ लेकर निकलें। सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डा नवीन कुमार ने कहा कि खानपान में साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखें। बाहर का तला-भुना और खुले में बनाया जा रहा कोई भी खाद्य पदार्थ खाने से बचें। जितना ज्यादा हो तरल पदार्थ जैसे नीबू पानी का प्रयोग करें। ध्यान रहे कि यह ठंडा हो बर्फीला नहीं, अन्यथा दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मौसमी फल जैसे खरबूज, तरबूज, आम, खीरा, ककड़ी का सेवन जरूर करें। एक दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। छाछ, लस्सी, कच्चे आम पकाकर उसका शरबत, बेल का शरबत या सत्तू का शरबत इस मौसम में बहुत फायदेमंद होता है। घर से जब भी निकले तो पर्याप्त पानी पीकर निकले
पछिया हवा चलने के कारण बढ़ी गर्मी
मौसम विज्ञानी डा. सत्तार बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने एवं पछिया हवा चलने के कारण तापमान में वृद्धि हुई है। अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 3 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक है। वर्तमान मौसम पिछात गेहूं एवं मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा सकता है । उन्होंने मक्के की फसल में नमी बनाए रखने की सलाह दी है।
मानसून पर तय होगा आगे का मौसम
हाल के महीनों में हर मौसम में अधिकता आई है। ठंड में खूब ठंड की स्थिति रही, बारिश के दिनों में खूब बारिश हुई। इस अनुमान से भी इस बार गर्मी में वृद्धि का अनुमान है। मौसम विज्ञानी के अनुसार मार्च अप्रैल के महीने में चालू माह में आंधी-पानी की स्थिति बनती है। अप्रैल से मई के बीच प्री मानसून की संभावना है।
किसानों के लिए सुझाव :
मौसम के शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। सरसों की कटनी, दौनी एवं सुखाने के कार्य को प्राथमिकता के साथ संपन्न करें। आलू की अविलंब खुदाई कर भंडारित करें। गरमा मूंग तथा उड़द की बुआई करें।
17 सालों में तापमान की चाल
साल —अधिकतम तापमान
2005—-35.0 डिग्री सेल्सियस
2006—34.1 डिग्री सेल्सियस
2007—31.4 डिग्री सेल्सियस
2008–32.1 डिग्री सेल्सियस
2009—34.5 डिग्री सेल्सियस
2010—35.4 डिग्री सेल्सियस
2011–33.6 डिग्री सेल्सियस
2012—33.5 डिग्री सेल्सियस
2013—32.0 डिग्री सेल्सियस
2014—-30.0 डिग्री सेल्सियस
2015—-30.6 डिग्री सेल्सियस
2016—-35.1 डिग्री सेल्सियस
2017–29.2 डिग्री सेल्सियस
2018—33.5 डिग्री सेल्सियस
2019—32.6 डिग्री सेल्सियस
2020—31.0 डिग्री सेल्सियस
2021–34.0 डिग्री सेल्सियस
2022—35.0 डिग्री सेल्सियस