बिहार के समस्तीपुर में खुलेगा सैनिक स्कूल, 12 एकड़ वाले कैंपस में इसी सेशन से शुरू होगी पढ़ाई
समस्तीपुर. अब बिहार के बच्चे भी बिहार में रहकर सैनिक स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे. दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में 21 सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है जिसमें एक स्कूल बिहार के समस्तीपुर में भी खोला जाएगा. खास बात ये है कि इन स्कूलों में इसी साल मई से पढ़ाई भी शुरू होगी. बिहार, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा में एक-एक स्कूल को मंजूरी दी गई है. इसको लेकर सरकार ने बजटीय भाषण में निजी भागीदारी में कुल सौ सैनिक स्कूल खोलने का एलान किया था लेकिन फेज वाइज अलग-अलग राज्यों में मंजूरी दी जाएगी.
मंजूरी मिलने के बाद समस्तीपुर के रोसड़ा निवासी खासे उत्सहित हैं. यहां बटहा गांव स्थित सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर में सैनिक स्कूल खोला जाएगा. रोसड़ा के लोग इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं क्योंकि 12 एकड़ में स्थापित सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर की स्थापना बटहा निवासी डॉ रामस्वरूप महतो ने की थी हालाकि अब वो इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वर्ष 1998 में वो वो इलाके की तकदीर बदलने के लिए स्कूल की नींब डाली थी.
डॉ रामस्वरूप पेशे से चिकित्सक थे जो कि विदेश में रहकर भी रोसड़ा से लगाव रखते थे और इसी वजह से उन्होंने स्कूल की परिकल्पना की थी. स्कूल की स्थापना आरएसएस के तर्ज पर की गई थी क्योंकि वो आरएसएस विचारधारा के थे. स्कूल की स्थापना के बाद यह स्कूल लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा और हजारों छात्रों ने यहां से पढ़ाई कर ऊंचा मुकाम हासिल किया. यहां कैम्पस 12 एकड़ में फैला है और स्कूल का अपना विशाल भवन, बड़ा कैम्पस, शानदार हाईटेक लाइब्रेरी,और भव्य छात्रावास निर्मित है.
यहां फिलहाल 1250 छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं जबकि 40 शिक्षक और 75 कर्मचारी भी सेवा दे रहे हैं. विद्यालय सीबीएसई से एफिलिएटेड है और यहां प्लस 2 तक की पढ़ाई दूर-दूर से आए बच्चे कर रहे हैं. स्कूल का फिलहाल संचालन ट्रस्ट और विद्या भारती के द्वारा किया जा रहा है. यहां विद्या भारती के ही पदाधिकारी सचिव और ट्रस्ट के सदस्य अध्यक्ष हुआ करते हैं. केंद्र सरकार के इस तोहफे के बाद ना सिर्फ रोसड़ा के लिए खुशी की बात है बल्कि बिहार के लिए भी बड़ी उपलब्धि है क्योंकि बिहार का सैनिक स्कूल झुमरी तिलैया झारखंड विभाजन के बाद झारखंड को मिल गया और बिहार में फिलहाल ना तो नेतरहाट हैं और ना ही सैनिक स्कूल ऐसे में रक्षा मंत्रालय का एक स्कूल बिहार को 2 दशक बाद नसीब हो रहा है.