मिथिला की देव नगरी कही जाने वाली भक्त वत्सल महाकवि विद्यापति व उनके आराध्य भगवान शिव का संगम स्थल पर शिवमय हुआ धाम
समस्तीपुर । मिथिला की देव नगरी कही जाने वाली भक्त वत्सल महाकवि विद्यापति व उनके आराध्य भगवान शिव का संगम स्थल विद्यापतिधाम महाशिवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं से पट गया। अहले सुबह से ही शिवभक्त जलाभिषेक के लिये यहां उमड़ पड़े। श्रद्धालु गंगा नदी के चमथा घाट, झमटिया घाट, पतसिया घाट से गंगा की आराधना संपन्न कर विद्यापतिधाम उगना महादेव पर जलाभिषेक किये। जलाभिषेक को लेकर दिनभर पूरे क्षेत्र में भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा। मंदिर परिसर में शिव के प्रिय बेलपत्र, धथूडा, अगरबत्ती, धूप जगह-जगह स्टॉल लगाकर उपलब्ध कराया गया।जलाभिषेक को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन तत्पर दिखी।हालांकि श्रद्धालुओं के भारी-भीड़ के बीच कतारबद्ध करने की व्यवस्था में पुलिस विफल रही। मंदिर प्रबंधन की ओर से महाशिवरात्रि को लेकर मानक व्यवस्था प्रदान की गयी थी।प्रकाश, पेयजल सहित चहुंओर कैमरे से निगरानी की जा रही थी।रेल मार्ग व सड़क मार्ग श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी ।
रात्रि में हुई शिव पार्वती विवाह की प्रस्तुति
महाशिवरात्रि विद्यापतिधाम की अनोखी धार्मिक पहचान रही है।दूर-दूर से श्रद्धालु यहां शिव-पार्वती विवाह का धार्मिक प्रसाद ग्रहण करने पहुंचते रहे है।विद्यापतिधाम मंदिर परिसर में बने विवाह मंडप में शिव-पार्वती विवाह का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया गया। वैदिक रीति व वैवाहिक मंत्रों के बीच विवाह की रस्म अदायगी पौराणिक धार्मिक मान्यताओं को जीवंतता प्रदान किया। कलाकार अलग-अलग वेष भूसा में शिव एवं पार्वती के प्रतिमान के रूप में विराजमान रहे। वहीं सृष्टि के रचयिता सहित देवी-देवता ऋषि-मुनि का मुखौटा धारण कर लोग शिव-पार्वती विवाह को मर्मस्पर्शी बनाने में जुटे रहे ।विवाह से पूर्व यहां के शिवालय में शिव का रुद्राभिषेक यज्ञ पूर्ण गया। वहीं मऊ अखाड़ा घाट स्थित अन्नपूर्णा कर्पूरी महादेव मंदिर परिसर से महाशिवरात्रि के अवसर पर मंगलवार को भव्य शिव बारात की झांकी निकाली गयी। जदयू प्रदेश सचिव स्वीटी प्रिया ने धार्मिक ध्वज शिव पताका को दिखाकर झांकी को रवाना किया। इसमें भगवान भोलेनाथ,विष्णु,ब्रह्म,नारद सहित भूत-पिसाच,गण आदि के प्रतिरूप लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे।