खेती के IFS माडल से बिहार के किसानों की भरेगी जेब, जमुई में 40 हेक्टेयर जमीन पर एक साथ होंगे कई कार्य
जमुई। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय संधारणीय कृषि मिशन योजना के तहत समेकित कृषि प्रणाली यानी खेती के आइएफएस माडल को बढवा देने के लिए खैरा प्रखंड के हरणी पंचायत अंतर्गत टिटिहियां गांव का चयन किया गया है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द ही इस योजना के तहत उक्त गांव में कृषक समूह के 40 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित कर पशुधन, बागवानी और अंतरवर्ती खेती को बढ़ावा देने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
यह योजना वास्तव में किसानों के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना को लागू करने के पीछे एक उद्देश्य भी है कि किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाकर क्षेत्र विशेष के अनुसार किसानों को समेकित कृषि प्रणाली का माडल विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जा सके। साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी करना है।
योजना के चयनित कृषक समूह के कृषकों को दो गाय खरीदने के लिए 25 हजार और चारा खरीदने के लिए पांच हजार रुपया अनुदान देने का प्रावधान है। इसके अलावा उद्यान आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए आम, बेल समेत विभिन्न प्रकार का फूल-पौधा लगाने के लिए 25 हजार रुपया प्रति हेक्टेयर और अन्तरवर्ती खेती को बढ़ावा देने के लिए पांच हजार रुपया प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान देने का प्रावधान है।
साथ ही दो किसान को 50 फीसद अनुदान पर सोलर प्लेट, दो किसान को 50 फीसद अनुदान पर वर्मी कंपोस्ट यूनिट और 20 किसान को 50 फीसद अनुदान पर मूंग व ढैंचा का बीज उपलब्ध कराना है। इसके अलावा इस योजना की 50 फीसद राशि लघु व सीमांत किसान के विकास पर, 33 फीसद राशि महिला किसान, 16 फीसद राशि अनुसूचित जाति के किसान और एक फीसद राशि अनुसूचित जनजाति के किसान पर खर्च करने की व्यवस्था की गई है।
योजना को जल्द ही सरकार के निर्देशानुसार जिले में लागू किया जाएगा। इसके लिए विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है। -अविनाश चन्द्र, जिला कृषि पदाधिकारी, जमुई।