इस बार होली में उड़ेगा हल्दी, पालक और चुकंदर का गुलाल, इस रेट में मार्केट में होगा उपलब्ध
नीरज कुमार, पटना । Holi 2022: होली का रंग पूरे देश के बाजारों पर चढ़ चुका है। ऐसे में राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीआरएयू) ने हल्दी, पालक, चुकंदर एवं गेंदा-गुलाब सहित 12 तरह के फूलों के रस से हर्बल गुलाल तैयार किया है। इसकी बिक्री के लिए विश्वविद्यालय ने खादी इंडिया व बिहार राज्य खादी बोर्ड से एग्रीमेंट किया है। राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की डीन डा. मीरा सिंह का कहना है कि हर्बल गुलाल बनाने के लिए पिछले तीन वर्षों से विज्ञानियों की टीम काम कर रही थी।
इसमें डा. संगीता देव एवं डा. स्मृति रेखा सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वर्ष गुलाल बनाने में सफलता मिली है। इस गुलाल का बेस अरारोट है। उसे रंग देने के लिए हल्दी, पालक एवं चुकंदर का उपयोग किया गया है। हल्दी व गेंदा के फूल से सुगंधित पीला गुलाल बना है। वहीं, हरे रंग के गुलाल के लिए मुख्य रूप से पालक की पत्तियों का उपयोग किया गया है। हरे रंग के अन्य पौधों की पत्तियां विकल्प हैं। गुलाबी रंग का गुलाल चुकंदर एवं गुलाब के फूलों से तैयार किया गया है।
हर्बल गुलाल को लोग कर रहे खूब पसंद
इन दिनों राजधानी के खादी माल में हर्बल गुलाल राजधानीवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खादी माल के प्रबंधक रमेश कुमार ने बताया कि सौ ग्राम के पैकेट में हर्बल गुलाल की कीमत 65 रुपये रखी गई है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब 200 पैकेट तक बिक्री हो रही है। आने वाले दिनों में इसकी और मांग बढ़ने की उम्मीद है।
-सीआरएयू ने सब्जी और फूलों के रस से तैयार किया है हर्बल गुलाल
-बिक्री के लिए बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के साथ समझौता
चेहरे पर भी दुष्प्रभाव नहीं
खादी माल के प्रबंधक रमेश कुमार ने कहा कि इस गुलाल की विशेषता है कि पैकेट खुलते ही आसपास का पूरा वातावरण सुवासित हो उठता है। चेहरे को भी नुकसान नहीं होता। इसमें किसी तरह का रसायन नहीं डाला गया है।