बिहार सरकार का यूटर्न, बीडीओ बने रहेंगे पंचायतों के खजाने के मालिक; संशोधित आदेश जारी
पटना : बिहार सरकार ने सभी प्रखंडों के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) और बीपीआरओ (प्रखंड पंचायतराज पदाधिकारी) की भूमिका को एक बार फिर से स्पष्ट किया है। पंचायती राज विभाग ने साफ कर दिया है कि सभी प्रखंडों में विभागीय कार्य के लिए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी फिलहाल बीडीओ ही होंगे। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। पंचायती राज विभाग ने पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के संबंध में निर्णय की जानकारी सभी डीएम को दी है।
– बिहार के पंचायती राज विभाग ने जारी किया संशोधित आदेश
– बीडीओ और बीपीआरओ की भूमिका को एक बार फिर किया स्पष्ट
– पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने व्यवस्था लागू करने के दिए निर्देश
पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे
सरकार ने बताया है कि जहां नवनियुक्त (परीक्ष्यमान) बीपीआरओ पदस्थापित हैं, उन प्रखंडों में पदस्थापित बीडीओ फिलहाल पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में अतिरिक्त प्रभार वाले प्रखंडों में भी बीपीआरओ को अब निकासी व व्ययन का अधिकार नहीं होगा। उन प्रखंडों में भी बीडीओ ही इसके लिए अधिकृत होंगे। इसके अलावा जिन प्रखंडों में नियमित बीपीआरओ पदस्थापित हैं अथवा पदस्थापित किए जाएंगे, वे उन प्रखंडों की पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।
निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की समस्या से संबंधित शिकायत मिल रही थी
दरअसल, कई प्रखंडों से निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की समस्या से संबंधित शिकायत सरकार को मिल रही थी। इसके बाद बीपीआरओ और बीडीओ को कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में किन प्रखंडों में काम करना है, इसकी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। इसी के साथ स्पष्ट हो गया है कि राज्य के सभी प्रखंडों में विभागीय कार्य के लिए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी फिलहाल बीडीओ ही होंगे।