Thursday, January 23, 2025
Patna

पटना में बैंगनी रंग के नीलकंठ आलू की पैदावार शुरू,जाने इसकी खासियत

पटना।

भारतीय आलू अनुसंधान केंद्र के पटना इकाई में एक नई किस्म के आलू की पैदावार शुरू की गई है। वर्ष 2017 में इस पर अनुसंधान शुरू हुआ था। इससे पैदावार का क्रेडिट केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर शंभू कुमार को जाता है। शंभू कुमार नहीं बैंगनी रंग के आलू के इस अनोखी प्रजाति को ‘कुफरी नीलकंठ’ नाम दिया है। डॉक्टर शंभू ने बताया कि इस किस्म के आलू के अंदर गुदा भी क्रीमी और बैगनी कलर का होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में एनथोसाइनिंग पिगमेंट, कैरोटीन के अलावा कैल्शियम, जिंक, मैग्निशियम और आयरन पाया जाता है।

 

आलू के इस खास प्रजाति के बारे में डॉक्टर शंभू ने बताया कि इसमें एंथोसाइएनिन पिगमेंट होता है, जो कैंसर सेल को पनपने से रोकने में कारगर है। इसमें प्रचुर मात्रा में सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी बेहद उपयोगी है। देश के मेरठ केंद्र के अलावा सिर्फ पटना में ही इसके बीज उपलब्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि दो प्रकार के आलू को क्रॉस कराने के बाद इस किस्म के आलू का पैदावार किया गया है।

 

कुफरी नीलकंठ’ के साथ-साथ एक और नई किस्म की ‘कुफरी मानिक’ की भी यहां कृषि शुरू की गई है। नीलकंठ की भांति ही ‘कुफरी मानिक’ भी कई तरह की बीमारियों और रोगों से लड़ने की सामर्थ्य रखता है। इस प्रजाति के आलू का पैदावार किसान करते हैं तो उन्हें काफी फायदा मिल सकता है।

Kunal Gupta
error: Content is protected !!