मगरदही घाट पर अगलगी में दर्जनाें दुकानें राख, जिंदा जलने से बचे कई दुकानदार
समस्तीपुर।
शहर के मगरदही घाट दुर्गा मंदिर के सामने बुधवार मध्य रात्रि हुई अगलगी में होटल, कबाड़ी, फूल दुकान, सैलून समेत आधा दर्जन से अधिक फल की दुकानें जल कर राख हो गई। इससे लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। अगलगी में तीन बाइक, तीन बड़ी जेनरेटर भी जल गए। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। अगलगी के दौरान गैस सिलेंडर व ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट होने से आस पास के इलाकों में दहशत फैल गयी। घटना की सूचना पर पहुंची दमकल टीम ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
आग किस कारण से लगी इसके बारे में अबतक पता नहीं चल सका है। हालांकि माना जा रहा है कि बिजली की शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। रात करीब एक बजे दुर्गा मंदिर के सामने होटल से आग की चिंगारी उठने लगी। देखते ही देखते आग ध्रुव साह की कबाड़ी दुकान, धमेंद्र कुमार के लोहा दुकान, जितेंद्र ठाकुर की सैलून, सुशील कुमार की फूल दुकान, मनोज कुमार बेल्डिंग दुकान, अनिल व दिनेश शर्मा की गैराज से भी धुंआ उठने लगा। इसी बीच तेज धमाका होने लगा। लोगों ने बताया कि होटल में रखा सिलेंडर के अलावा बिल्डिंग दुकान में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट करने लगा। इससे आग की लटपें और बढ़ गई और आसपास के फल दुकानों में भी आग पकड़ लिया। धमाके की आवाज तीन चार किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ी। इससे रात के बावजूद मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई।
कबाड़ी दुकान, होटल, फूल दुकान, सैलून में रखे सामान जले, लाखों का नुकसान
रात 1.30 बजे पहुंची दमकल टीम, तीन घंटे में पाया काबू
घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने पहले नगर पुलिस को दी। मौके पर पहुंची नगर पुलिस ने दमकल टीम को बुलाया। लोगों ने बताया कि रात करीब 1.30बजे दमकल टीम मौके पर पहुंची। दमकल टीम ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि सुबह छह बजे भी कहीं कहीं से धुआं उठ रहा था।
तीन बाइक और तीन बड़ा जेनरेटर भी हुआ राख
घटना में अनिल व दिनेश शर्मा के गैराज में रखी तीन नई बाइक के अलावा आस मोहम्मद के दुकान में रखे तीन बड़े-बड़े जेनरेटर भी जल गए। अगलगी के बाद आसपास के दुकानदारों ने फोन पर सूचना दी। रात दो बजे सभी लोग घर से पहुंचे तब तक सबकुछ राख हो चुका था।
^घटना को लेकर एक मामला दर्ज किया गया है। आग लगने का कारण बिजली की शॉर्ट सर्किट संभव है। सभी दुकानें अस्थाई तौर पर बने हुए थे। -अरुण कु. राय, इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष।