बम के धमाकों के बीच मौत का मंजर देख बोली बिटिया-आई लव यू पापा
पटना।
Ukraine War News Today।जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर : गुरुवार की रात 8.15 बजे। सृष्टि खारकीव मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में डरी-सहमी पड़ी थी। तभी जोर का धमाका होने लगा। आसपास चारों तऱफ आग ही आग। हॉस्टल में अफरातफरी मच गई। जब बाहर झांक कर देखा तो वहां की स्थिति और भी भयावह थी। दैनिक जागरण इसी समय सृष्टि से बात कर रहा था। उन्होंने धमाके की आवाज सुनाई। माइक पर सभी को सलाह दी जा रही थी कि जरूरी सामान लेकर सभी अंडरग्राउंड शेल्टर में चले जाएं। लोग घरों से निकलकर मेट्रो व बंकर में छुपने जा रहे हैं। मेट्रो में भी अंडरग्राउंड शेल्टर बनाया गया है।
सीमा से 37 किलोमीटर दूर खारकीव
खारकीव खारकीव का इलाका रुसी सीमा से 37 किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि सुबह से ही यहां धमाके की आवाज सुनाई दे रही है। धमाके से हम सभी छात्र काफी डर गए हैं। यहां की स्थिति खराब है। लड़ाकू विमान के गर्जन स्थिति को और भयावह बना दे रही है। हम भारतीय छात्र खारकीव इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज में हैं। सृष्टि चौथे वर्ष की छात्रा है। यह कहना है गोविंदपुर राम मंदिर की रहने वाली सृष्टि का।
सृष्टि के पिता कामेश्वर पांडेय टाटा कमिंस में काम करते हैं। वहां की हालत देख माता-पिता की चैन उड़ गई है। सृष्टि कहती हैं, इमरजेंसी लगने के बावजूद बाजार में काफी भीड़ देखी जा रही है। एटीएम खाली हो चुके हैं। सृष्टि की मां रीना पांडेय कहती हैं, टीवी पर यूक्रेन के दूसरे हिस्सों में हमले की खबरें व फोटो-वीडियो इत्यादि देखकर पता चल रहा है कि हालात कितने बिगड़ गए हैं। मुझे अपनी बच्ची को लेकर काभी डर लग रहा है।
जमशेदपुर के दर्जन भर से अधिक छात्र फंसे
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध काफी भयंकर होता जा रहा है। इसको देखते हुए यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र चिंतित है। जमशेदपुर के कई छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव व खारकीव में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। शहर में रहने वाले उनके माता-पिता काफी चिंतित हैं।
यूक्रेन की राजधानी की स्थित भारतीय दूतावास ने अब तीसरी एडवाइजरी जारी कर उन्हें जरूरी सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे सभी नागरिक और छात्र किसी भी आपात परिस्थिति में नजदीकी बम शेल्टर में आश्रय ले सकते हैं। यह बम शेल्टर कीव में मेट्रो स्टेशन के अंडर ग्राउंड में बनाए गए हैं। कीव, खारकीव ओडेसा शहर में जमशेदपुर के दर्जन भर से अधिक छात्र फंसे हुए हैं।
खारकीव शहर का हाल
तड़के बम फटा और मच गया कोहराम
सृष्टि ने बताया कि खारकीव के बाहरी इलाके में तड़के करीब चार बजे 10-12 बम गिरने की आवाज आई और अंधेरे में दूर धमाके की तेज रोशनी दिखाई दी। इससे वे सभी सहमे हुए हैं। उन्हें डर है कि कहीं कोई बम उनकी इमारत पर या आसपास न गिरे। सृष्टि ने बताया कि गुरुवार सुबह से अंतरराज्यीय बस व मेट्रो सेवा बंद हो जाने के कारण बड़ी संख्या में लोग अपनी कारों से और पैदल ही बैग लेकर सड़कों से जाते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, ये समझ नहीं आ रहा है कि वे कहां जा रहे हैं। सड़कों पर वैसे तो लोग बहुत कम हैं, लेकिन फिर भी एटीएम, मेडिकल स्टोर और राशन की दुकानों के सामने खरीदारों की लाइन लगी हुई है। लोग जरूरत के सामान के साथ बड़ी-बड़ी बोतलों में पानी भी भरकर घर में रख रहे हैं। वहीं, भय के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों पर शरण ली है, ताकि खुद को बमबारी से बचा सकें।
किसी भी आपात स्थिति में बम शेल्टर में छुपने की सलाह
गोविंदपुर की रहने वाली सृष्टि बताती है कि पूरे देश में इमरजेंसी लागू कर दिया गया है। आपात स्थिति में गूगल मैप की मदद से बम शेल्टर्स खोज उसने में छिपने को कहा गया है। यह बम शेल्टर्स अंडरग्राउंड मेट्रो में स्थित है। यह हिदायत दी गई है कि बिना काम के घर से बाहर नहीं निकले और दस्तावेज अपने साथ रखें। उन्होंने बताया कि झारखंड की दस से अधिक छात्र यहां फंसे हैं। हमारी किस्मत अच्छी थी इमरजेंसी लगने के पहले सामान खरीदकर रख लिए थे। 26 फरवरी को एयर इंडिया का टिकट बुक था, इसी बीच युद्ध शुरू हो गया। इससे पहले कतर एयरवेज में भी टिकट बुक थी।।
कीव में फंसा कदमा का आइकिन मुथु
कदमा विजया हैरिटेज के रूसी सेना ने यूक्रेन के पड़ोसी देश बेलारूस में जमावड़ा लगा लिया था और यहां से कीव की दूरी केवल 75 किलोमीटर है। अपार्टमेंट के ऊपर से दिन में कई बार लड़ाकू विमान गुजर चुके हैं। आइकिन ऐश मुथु स्वदेश लौटने के लिए कीव एयरपोर्ट रवाना होते, लेकिन इससे पहले ही रूस ने जंग छेड़ दी। आइकिन 2019 में मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन की राजधानी कीव गये थे।
फिलहाल कदमा विजया हैरिटेज में रहने वाले वाले आइकिन ऐश मुथु का परिवार अपने बच्चे को लेकर चिंतित हैं। आइकन वहां के नंबर वन सरकारी मेडिकल कॉलेज तरस सेवेन्को नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। आइकन के पिता अखिलेश बताते हैं कि 12 देशों ने अपने बच्चे पहले ही वहां से निकाल लिए हैं। पेशे से व्यवसायी अखिलेश ने बताया कि फिलहाल यूक्रेन के लिए कोई हवाई सेवा नहीं है।
वह बताते हैं, पहले 15 से 20 हजार में जो एयर टिकट मिल जाता था अभी उसका रेट 80 से 1.20 लाख रुपये तक हो गया है। आसानी से मिल भी नहीं रहा है। लोयोला के विद्यार्थी रहे आइकेन की छोटी बहन व मां भी चाह रहीं हैं कि वह जल्दी से घर लौट आए। फिर जब हालात सामान्य होंगे तो जा सकता है।
आइकिन में कीव से बातचीत करते हुए बताया कि 26 को फ्लाइट था, लेकिन फ्लाइट कैंसिल हो गई। फिलहाल वह कीव में फंसे हैं। पहले रोमानिया के रास्ते बाहर निकालने की बात हो रही थी, लेकिन अब वह भी हो गया। यूक्रेन की कीव में है। किस शहर में सड़क मार्ग से निकालकर विदेश मंत्रालय को लेटर, लौटने पहले सोचा जा रहा रोमानिया के रास्ते। स्थिति खराब हो गई है। एयरपोर्ट के पांच किलोमीटर के दायरे में किसी को आने की मनाही है। सभी राशन दुकानें बंद है। कई छात्र भूखे-प्यासे हैं।
ओडेसा में फंसी साकची की राशिका, पास में हुए धमाके से सहमी
साकची के बाराद्वारी निवासी राशिका खेमका भी यूक्रेन में फंसी हुई है। पिता संजय खेमका ने बताया कि वह ओडेसा में जहां रहती है, उसके पास ही सुबह चार बजे बम धमाका हुआ था। इससे वह काफी डरी हुई थी। इसके बाद सुबह में उससे बात भी हुई, लेकिन बेटी ने बताया कि पता नहीं यहां कब मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाए। ऐसा हो भी गया, क्योंकि उसके बाद से उससे बात नहीं हो पाई है।
उन्होंने कहा, अब पता नहीं, वह कैसी है। हमारा दिल घबरा रहा है। सरकार क्या करती है, वहां फंसे बच्चों को कैसे निकालती है, यही सब सोच-सोचकर हम चिंतित हैं। राशिका कोटा (राजस्थान) से प्लस टू करके यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गई थी। उसे वहां रहते साढ़े चार वर्ष हो गए हैं। अब तो उसकी पढ़ाई पूरी होने वाली थी कि इसी बीच ऐसा हादसा हो गया है।
तब से अभी तक बिल्डिंग में लगातार वाइब्रेशन फील हो रहा है। सुनने में आ रहा है कि एयरपोर्ट पर कब्जा हो गया है। यहां का माहौल काफी तनाव भरा है। रोड पर एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियों की हलचल तेज हो गई है। अभी एक वीडियो आया है, जिसमें कुछ फटने की भारी आवाज है। कल तक यहां का माहौल काफी सामान्य था। देर रात 10 से 11 बजे के बीच सूचना आई कि इमरजेंसी लग गई है। मैं यहां से निकलना चाहती हूं।