पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मिल गई 70 प्रतिशत जमीन,अब काम में तेजी आने की उम्मीद ।
पटना। Patna Metro Rail Project: पटना मेट्रो परियोजना में जमीन की बाधा धीरे-धीरे दूर हो रही है। अभी तक मेट्रो के काम के लिए 70 प्रतिशत से अधिक जमीन पर काम की हरी झंडी मिल चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, शेष जमीन की बाधा भी जल्द दूर होने की उम्मीद है। पटना मेट्रो की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, पटना मेट्रो के निर्माण कार्य के लिए 72.56 प्रतिशत जमीन उपलब्ध है। मेट्रो परियोजना के सिविल वर्क का कुल खर्च 4695.49 करोड़ है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और पथ निर्माण विभाग की जमीन पर ही 3407 करोड़ से अधिक का काम होना है।
43 हेक्टेयर जमीन की दरकार
पटना मेट्रो परियोजना के लिए लगभग 43.95 हेक्टेयर जमीन की दरकार है। इसमें सरकारी और निजी दोनों तरह की भूमि शामिल है। इसमें 31 हेक्टयर यानी 70.55 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसमें मेट्रो डिपो की करीब 76 एकड़ जमीन भी शामिल है। मेट्रो डिपो की जमीन के लिए अधिसूचना अक्टूबर में ही जारी हो चुकी है। दावा-आपत्ति के बाद इसी माह जमीन अधिग्रहण का मुआवजा मिलने की उम्मीद है।
4695.49 करोड़ रुपये खर्च होने हैं मेट्रो परियोजना के सिविल वर्क पर खर्च
3407 करोड़ का काम होना है एनएचएआइ व पथ निर्माण विभाग की जमीन पर
चार जगह फंसी है सरकारी जमीन
मेट्रो परियोजना के लिए करीब 10.95 हेक्टेयर सरकारी जमीन की दरकार है, जिसमें एनएचएआइ से 6.35 हेक्टेयर जमीन पर काम की अनुमति मिल चुकी है। इस तरह 60 प्रतिशत सरकारी जमीन भी काम के लिए उपलब्ध है। केंद्र सरकार के अधीन चार संस्थानों में मेट्रो की जमीन फंसी है। इसमें दानापुर छावनी क्षेत्र की 934 वर्ग मीटर जमीन हस्तांतरण का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में लंबित है। राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन की 1277 वर्ग मीटर जमीन भी मेट्रो को हस्तांतरित होनी है, जिसका प्रस्ताव रेलवे के विचाराधीन है। इसके अलावा आकाशवाणी की 1121 वर्ग मीटर और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की 219 वर्ग मीटर स्थायी और 234 वर्ग मीटर अस्थायी जमीन भी मेट्रो के लिए चिह्नित हुई है, इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया भी जारी है। इस पर भी जल्द निर्णय होने की उम्मीद है।