भारत-चीन युद्ध के समय बूढ़ी गंडक में बनाया गया पुल गिन रहा अंतिम सांसें, नए पुल के इंतजार में बिहार ।
खगड़िया: पूर्वोत्तर भारत को सड़क मार्ग से सूबे की राजधानी पटना से जोड़ने वाला एनएच-31 के खगड़िया बूढ़ी गंडक नदी पर अवस्थित 60 साल पुराना पुल अंतिम सांसें गिन रहा है। स्थिति यह है कि पुल के रेलिंग तक टूटकर बूढ़ी गंडक में समा गई है। टूटे हुए स्थान पर खतरे के निशान वाला एक बोर्ड लगा हुआ है। जिस पर लिखा है- पुल के ऊपर से न कूदें, कार्य प्रगति पर है।
दरअसल बूढ़ी गंडक पुल का पूर्वी रेलिंग दो जगह टूट चुकी है, बस सरिया लगी हुई है, जहां कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। लेकिन इसको लेकर जिला प्रशासन उदासीन रवैया अपना रहा है। हजारों छोटी-बड़ी गाड़ियां रोजाना इस रास्ते से गुजरती हैं। जानकार बताते हैं कि भारत-चीन युद्ध के समय इस पुल का निर्माण कराया गया था, जो अब जर्जर हो चुका है। जिले वासियों द्वारा लगातार इस पुल के जीर्णोद्धार के लिए आवाज उठाने के बाद एनएच-31 को फोर लाइन बनाने की स्वीकृति सरकार द्वारा दी गई। जिसके बाद ठीक इसके समानांतर एक और पुल का निर्माण बीते पांच वर्षों से किया जा रहा है।
15.5 करोड़ की लागत से एनएच-31 बूढ़ी गंडक नदी पर एनएचआइ द्वारा समानांतर पुल तैयार किया जा रहा है। मालूम हो कि 2017 के दिसंबर से सिमरिया से खगड़िया के बीच एनएचएआइ द्वारा 62.232 किलोमीटर लंबी सड़क का दोहरीकरण किया जा रहा है। जिसके लिए बूढ़ी गंडक नदी पर एक समानांतर पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। बीच- बीच में कई कारणों से कार्य में बाधा उत्पन्न होने के चलते जो कार्य दो वर्ष पूर्व पूरे होने थे उसमें पांच वर्ष लग गए हैं। कार्य अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।
पूंज लायड की स्ट्रक्चरल इंजीनियर नलिम पठानिया ने बताया कि पिछले वर्ष एक माह पूर्व ही बाढ़ आ जाने के कारण जून से दिसंबर माह तक काम ठप रहा। जिस कारण से पुल बनने में देरी हो गई है। बरसात के कारण साल के छह महीने ही काम हो पाता है। साथ ही कोरोना के कारण भी कार्य प्रभावित रहा है। पुल के निर्माण में कुल पांच पियर (पिलर) और दो अपार्टमेंट बनाना है। जिसमें चार पियर और दो अपार्टमेंट बनकर तैयार है। एक पियर के लिए पाइलिंग का काम चल रहा है। मार्च के अंतिम सप्ताह तक उम्मीद है कि पाइलिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। जिसके बाद अगर पानी भी आता है तो पियर निर्माण का कार्य बाधित नहीं होगा।
बाक्स गार्डर डिजाइन के ब्रिज का हो रहा है निर्माण
इंजीनियर नलिम पठानिया ने बताया कि बूढ़ी गंडक पर पूर्व से बने पुल आई- गार्डर डिजाइन में बनाया गया है। लेकिन एनएच 31 के दोहरीकरण के लिए पुराने पुल के समानांतर बूढ़ी गंडक के ऊपर बनाए जाने वाले पुल का डिजाइन बाक्स गार्डर के रूप में किया जा रहा है। इस डिजाइन में पियर (पिलर) के ऊपर से बाक्सनुमा डिजाइन बनाकर इसके बाहरी दीवारों को ढाल कर उसके ऊपर से गार्टर बैठाया जाता है। जिससे पुल की आयु अधिक हो जाती है।