बिहार के गया में खुलेगा बिहार कृषि विश्वविद्यालय का तीसरा रेडियो स्टेशन, केंद्र सरकार से मिली हरी हंडी ।
भागलपुर [ललन तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्राधीन गया में विश्वविद्यालय का तीसरा रेडियो स्टेशन खुलेगा। केंद्र सरकार से इसके लिए स्वीकृति मिल गई है। 65 लाख से सामुदायिक रेडियो स्टेशन का जल्द निर्माण किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से आवश्यक कागजी प्रक्रिया चल रही है।
रेडियो के माध्यम से किसानों के मनोरंजन से लेकर खेती की नई तकनीक और योजनाओं का प्रसारण लगातार किया जाता है। इसमें बाढ़-सुखाड़़ और कोरोना जैसी आपदाओं की भी जानकारी दी जाती है। मौसम का भी अपडेट मिलता रहता है। साथ ही विशेषज्ञों द्वारा बताया जाता है कि इस मौसम में किसान किस फसल की खेती करें और किस प्रकार करें। स्थानीय क्षेत्रीय स्तर के गीत व संगीत से मनोरंजन संबंधी कार्यक्रमों का भी प्रसारण किया जाता है। स्थानीय भाषा में खेती की तकनीक बताई जाती है। इसके माध्यम से कृषि विभाग की योजनाओं से भी रूबरू कराया जाता है। किसानों के बीच इस बदलते परिवेश में भी रेडियो की लोकप्रियता बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह सस्ता और सुलभ साधन है। विश्वविद्यालय का सबौर मुख्यालय और पटना के बाढ़ में पुर्व से ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन संचालित हो रहा है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए बीएयू ने कटिहार और गया के लिए रेडियो स्टेशन खोलने की मांग केंद्र सरकार से की थी।
प्रसार शिक्षा निदेशक डा.आरके सोहाने ने बताया कि केंद्र सरकार ने गया के लिए स्वीकृति दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण का लाइसेंस भी विश्वविद्यालय को दे दिया है। स्वीकृति एक माह पहले ही मिल गई थी। अब टावर आदि लगाए जाने हंै। उसके बाद फिर अगली प्रक्रिया होगी। उन्होंने बताया कि कटिहार में रेडियो स्टेशन खुलने की प्रक्रिया अभी चल रही है। आने वाले समय में इसकी भी स्वीकृति मिल सकती है।
गुणवत्तापूर्ण प्रसारण के लिए लगेंगी विदेशी मशीनें
गया का यह रेडियो स्टेशन हाइटेक होगा। वहां विदेश की गुणवत्तापूर्ण मशीनें लगाई जाएंगी, ताकि निर्बाध और लंबी दूरी तक प्रसारण हो सके। विशेषज्ञों से तकनीक संबंधित सलाह ली जा रहा है, ताकि समुदाय आधारित किसानों के लिए बेहतर सेवा दिया जा सके।
गया में जल्द रेडियो स्टेशन खोला जाएगा। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। रेडियो स्टेशन से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय के क्षेत्राधीन पहले से दो सामुदायिक रेडियो स्टेशन सफलतापूर्वक चल रहे हैं। यह तीसरा होगा। – डा. अरुण कुमार, कुलपति बीएयू सबौर