जयनगर से ट्रेन से जनकपुर जाने का सपना जल्द पूरा होने वाला,इंडो-नेपाल रेल परियोजना के दूसरे चरण का काम पूरा।
पटना।मधुबनी। जयनगर से ट्रेन से जनकपुर जाने का सपना जल्द पूरा होने वाला है। 12 फरवरी के बाद कभी भी रेल परिचालन शुरू करने की घोषणा की जा सकती है। फिलहाल रेल परिचालन शुरू करने के लिए नेपाल रेलवे के बहाल अधिकारियों व कर्मियों के प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है जो 12 फरवरी को पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही रेल परिचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।
इधर, इंडो-नेपाल रेल परियोजना के दूसरे चरण का कार्य भी पूरा हो गया है। दूसरे चरण में नेपाल के कुर्था से विजलपुरा तक 18 किलोमीटर में रेलखंड का निर्माण कर अब इसे नेपाल रेलवे के सुपुर्द करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे पूर्व प्रथम चरण में सीमावर्ती जयनगर स्टेशन से वाया जनकपुर नेपाल के कुर्था तक 31 किलोमीटर रेलखंड का निर्माण पूरा हो चुका है।
बता दें कि इस रेलखंड पर परिचालन शुरू होते ही भारत का नेपाल से एक बार फिर रेलमार्ग से जुड़ाव हो जाएगा। पहले इस रूट पर छोटी लाइन की ट्रेनें चलती थी। आमान परिवर्तन के लिए 2014 में रेल परिचालन को बंद किया गया था। आठ साल बाद एक बार फिर भारत और नेपाल के सीमावर्ती इलाके रेल नेटवर्क से जुडऩे वाले हैं। रेल परिचालन शुरू होने से ना केवल भारत-नेपाल के द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सदियों से दोनों देशों के बीच कायम बेटी-रोटी के संबंध को भी बल मिलेगा।
12 तक पूरा हो जाएगा प्रशिक्षण
जयनगर से कुर्था तक रेल परिचालन के लिए नेपाल रेलवे की ओर से बहाल किए गए 60 अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोंकण रेलवे के 15 अधिकारियों व कर्मियों का दल यह प्रशिक्षण दे रहा है। कोंकण रेलवे सूत्रों के मुताबिक, प्रशिक्षण का कार्य 12 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद नेपाल रेलवे की ओर से परिचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
दोगुना हो गया रेल परियोजना का बजट
इंडो-नेपाल रेल परियोजना का बजट लगभग दोगुना हो चुका है। जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक 65 किलोमीटर रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2014 में शुरू किया गया था। उस समय इस परियोजना का बजट 498 करोड़ था। इरकॉन के परियोजना प्रबंधक रवि सहाय ने बताया कि अब इस परियोजना का बजट बढ़कर 800 करोड़ तक पहुंच चुका है।