बिहार में एक और सफारी सफारी का शुभारंभ:20.50 किमी का सुहाना सफर, दिखेगा नाव से प्रकृति का अनोखा नजारा।
पटना। (सुपौल) : कोसी नदी में नौका विहार का आनंद लेने वाले लोगों के लिए इको टूरिज्म के तहत वन एवं पर्यावरण विभाग ने अनूठी सौगात दी है। इसके तहत रविवार को कोसी तटबंध पर स्थित सिमरी के नजदीक 20.50 किलोमीटर स्पर के समीप से कोसी सफारी का शुभारंभ किया गया। वन प्रमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार शरण ने कोसी में पहले सफर के लिए लोगों को लेकर निकली नौका को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान जिले के विभिन्न भागों से पहुंचे लोगों के साथ वन विभाग की टीम पुलिसकर्मियों के साथ नौका पर सवार होकर निकली। इधर कोसी नदी में नौका विहार की शुरुआत को देखने के लिए आसपास के लोग भी पहुंचे तथा सफर को निकले लोगों में भी काफी उत्साह देखा गया।
प्रकृति से रूबरू होंगे लोग
इको टूरिज्म के तहत सुपौल जिले की प्रकृति को नजदीक से देखने एवं समझने के लिए इसकी शुरुआत की गई है। भारत में कोसी नदी सुपौल की धरती से उतरती है। यहां से होते हुए गंगा में समा जाती है। कोसी में डाल्फिन, कछुए सहित अन्य कई प्रकार के जीव-जंतु अटखेलियां करते हैं। 115 तरह की पक्षियों की पहचान की गई है। इन बहुरंगी विविधता को देखने, समझने एवं महसूस करने के लिए कोसी नदी में कोसी सफारी की शुरुआत की गई है।
दो रूटों पर चलेगी नाव
कोसी नदी के 20.50 किलोमीटर से खुलने वाली कोसी सफारी दो रूटों का सफर कराएगी। एक रूट यहां से भपटियाही तक होगा वहीं दूसरा रूट कोसी बराज बार्डर तक का होगा। कोसी में सैर करने वाले लोग अपने हिसाब से रूटों का चयन कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि इको टूरिज्म के तहत वन पर्यावरण विभाग के द्वारा कोसी सफारी की शुरुआत की गई है। इसके तहत लोगों को कोसी नदी में नौका विहार के द्वारा कोसी नदी में पाए जाने वाले डाल्फिन, कछुआ सहित अन्य जलीय जीव-जंतु सहित कोसी किनारे पहुंचने वाले साइबेरियन पक्षी को दिखाया जाएगा। साथ ही इसके बारे में जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
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ये रहा किराया
कोसी नदी में नौका विहार के लिए पांच सौ रुपये का शुल्क देना पड़ेगा। करीब चार-पांच घंटे के सफर के दौरान विभाग के द्वारा सफर कर रहे लोगों को कोसी के गर्भ में बसे गांवों के नजदीक परंपरागत भोजन भी कराया जाएगा।