अच्छी खबर :लक्ष्य कार्यक्रम में समस्तीपुर सदर अस्पताल को मिला ग्रेड ए प्रमाणपत्र ।
समस्तीपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने समस्तीपुर सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष और प्रसव ऑपरेशन थियेटर को लक्ष्य योजना के तहत ग्रेड ए का प्रमाण पत्र दिया है। यह सदर अस्पताल की बड़ी उपलब्धि है। ग्रेड ए का सर्टिफिकेट मिलने से कर्मियों के चेहरे खिले हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर सचिव और मिशन निदेशक द्वारा जारी पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गई है। पत्र में कहा गया है कि 15 और 16 नवंबर 2021 को केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल की सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप जांच-पड़ताल की थी। उक्त जांच दल के प्रतिवेदन के अनुसार समस्तीपुर सदर अस्पताल के लेबर रूम को 90 प्रतिशत अंक और प्रसव ऑपरेशन थियेटर को 89 प्रतिशत अंक मिले। परिणाम स्वरूप इस अस्पताल को ग्रेड ए का प्रमाण पत्र दिया गया है। अपर निदेशक ने उक्त पत्र की प्रतिलिपि प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बिहार सरकार को भी प्रेषित किया है। बताते चलें कि इससे पहले इस अस्पताल को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया गया था। सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर बढ़ेगा लोगों का भरोसा
अस्पताल के प्रसव वार्ड को राष्ट्रीय स्तर से लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने पर खुशी जाहिर करते हुए सिविल सर्जन डा. सत्येन्द्र कुमार गुप्ता ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया। कर्मियों के अथक प्रयास व सामूहिक सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इसके लिए प्रसव वार्ड व ओटी के सभी स्वास्थ्य कर्मियों, सभी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों के सहयोग को सराहा। सीएस ने कहा इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि जिले में प्रसव संबंधी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के प्रति जिला स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। ग्रामीण इलाके के चिकित्सकीय संस्थानों तक बेहतर प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने से प्रसव संबंधी सेवाओं के लिए सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। जो जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा। मातृत्व को उत्सव का रूप देने में लक्ष्य प्रमाणीकरण महत्वपूर्ण
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. गिरीश कुमार ने बताया कि एनआरएचएम कार्यक्रम की शुरुआत हुई उस समय हमारे यहां संस्थागत प्रसव तो हो रहे थे। लेकिन मातृ व शिशु मृत्यु दर ज्यादा होना चिता का विषय बना हुआ था। इसे ध्यान में रखते हुए लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। इसका मूल उद्देश्य रिस्पेक्टिव मदर केयर है। उन्होंने कहा कि मातृत्व को एक उत्सव का रूप देने के लिए लक्ष्य प्रमाणीकरण महत्वपूर्ण है। लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने का मतलब है कि यहां उपलब्ध सुविधाएं पूरी तरह प्रमाणीकृत व क्वालिटी अप्रूव हैं। अस्पताल प्रबंधक डा. विश्वजीत रामानंद ने कहा कि जच्चा व बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। लक्ष्य प्रमाणीकरण इसकी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है।
सदर अस्पताल का प्रसव कक्ष व ओटी लक्ष्य मानक के अनुरूप पाया गया है। प्रसव कक्ष को 90 फीसदी तो ओटी को 89 फीसदी अंक मिला है। लक्ष्य मानक के अनुरूप प्रसव कक्ष व ओटी के मामले में यह अस्पताल बिहार का पहला अस्पताल बनने का गौरव प्राप्त करने में सफलता पाई है। यहां एक साथ दोनों क्षेत्र में अच्छे अंक मिले हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष नवंबर महीने में स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने मानक जांच के लिए अस्पताल के प्रसव कक्ष व ओटी की औचक जांच की थी। टीम की जांच में यहां सब मानक के अनुरूप मिला। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार ने बताया कि यह अस्पताल व जिला वासियों के लिए अच्छी खबर है। इस अस्पताल में औसतन रोज 25-30 सुरक्षित प्रसव के अलावा मेटरनल ओटी में एक माह के दौरान औसतन 45-50 सिजेरियन प्रसव कराया जाता है। यह नवजात के मौत का प्रतिशत न के बराबर है। उन्होंने बताया कि टीम ने अस्पताल का निरीक्षण मेटरनल हेल्थ को लेकर किया था।
सुमन मानक को लेकर की जा रही तैयारी, ब्लड बैंक पर जोर
लक्ष्य के बाद अब सुमन मानक को लेकर अस्पताल में तैयारी की जा रही है। इसके तहत अस्पताल की अन्य व्यवस्था होगी। इसमें वार्ड से लेकर ब्लड बैंक की व्यवस्था की गणना होगी। सुमन के मानक के अनुरूप जिस विभाग को पाया जाएगा। उसे सुमन मानक का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।