समस्तीपुर में हो रही अनदेखी:मुंबई से आने वाले रेल यात्रियों की नहीं होती जांच,अधिकारी भी रह रहे हैं गायब ।
समस्तीपुर।देश के मुम्बई में कोरोना के नए वेरिएंट के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। वहां रहने वाले राज्य के मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। ट्रेनों के माध्यम से यात्री जांच के बिना ही राज्य के विभिन्न जिलों में आ रहे हैं। इसी क्रम में जिला आ रहे मुंबई के यात्रियों की पड़ताल शुक्रवार की रात भास्कर की टीम ने किया। जिसमें रेल व जिला प्रशासन की लापरवाह सामने आई। मुंबई से आई पवन एक्सप्रेस से उतरे लगभग दो दर्जन यात्रियों की कोरोना जांच या उनके पता की पूछताछ के लिए कोई अधिकारी या कर्मी मौजूद नहीं था। सभी यात्री जांच के बिना ही स्टेशन से बाहर होकर अपने घर चले गए। इससे जिला में संक्रमण के फैलने का खतरा बताया जा रहा है। मुंबई से आने वाले यात्रियों की यदि सही तरीके से जाचं नहीं होती है तो आने वाले दिनों में कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में परेशानी होगी। प्रभारी सीएस का कहना है कि रात में रेल प्रशासन सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं करा रहा है।
मुंबई से मजदूरों का शुरू हुआ पलायन
कोरोना की तीसरी लहर के रूप में देश के लगभग सभी राज्यों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा 876 मामले शनिवार तक महाराष्ट्र में आ चुके थे। उसके बाद दिल्ली आदि राज्यों का स्थान आता है। इसी क्रम में जिला में इन राज्यों खासकर मुंबई व दिल्ली से लोगों का ट्रेन से आना हो रहा है। जबकि जिला व रेल प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। बताया जाता है कि मुंबई में कोरोना की भयावहता के बाद वहां से मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। ट्रेन से आ रहे इन मजदूरों की जांच व पता के लिए कोई पूछताछ नहीं की जा रही है।
जांच के बिना घर जाने से ट्रेस करने में आएगी दिक्कत
बताया जाता है कि बाहर से आने वाले यात्रियों की पूछताछ करने व पता जानने वाला रेल का कोई अधिकारी या कर्मी स्टेशन पर मौजूद नहीं रहता है। ऐसे में जांच के बिना घर जाने से कोरोना के मरीजों को ट्रेस करने में दिक्कत आएगी। जिला में मामला बढ़ेगा।
टिकट चेक करने के लिए मौजूद नहीं थे रेल अधिकारी
मुंबई से जिला आने में ट्रेन को 38-40 घंटे का समय लग जाता है। ऐसे में लंबी दूरी की ट्रेन होने के बावजूद स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों की टिकट जांच के लिए रेलवे का एक अधिकारी भी यहां मौजूद नहीं था। यात्री बेफिक्र ट्रेन से उतरकर जा रहे थे।
दिन में भी खानापूर्ति
स्टेशन पर दिन के समय भी कोरोना जांच के नाम पर खानापूर्ति ही होती है। बताया जाता है कि दिल्ली, कोलकाता आने से सुबह के समय आने वाली या जाने वाली गाड़ियों में यात्रियों की जांच या उनका पता नहीं लिया जाता। न ही सामान को सेनेटाइज किया जाता है।
^जिला प्रशासन की ओर से स्टेशन पर कोरोना जांच की व्यवस्था दी गई है। जो दिन के समय ही संभव हो पा रहा है। वह भी हमारे टेक्नीशियन कुछ लोगों को पकड़कर जांच कर रहे हैं। रेलवे की ओर से रात के समय सुरक्षा बल मुहैया नहीं कराए जाने से हम 9 बजे रात तक ही जांच कर पा रहे हैं। इसको लेकर रेलवे को कई बार पत्राचार किया गया है। -डॉ. सत्येन्द्र क. गुप्ता, प्रभारी सीएस