एक ही परिवार के तीन की हुई थी मौत, नहीं मिला मुआवजा
सहायता राशि के लिए भटक रहा पूर्व सरपंच शिवकांत झा का परिवार।
दो लोगों के मुआवजे के लिए पिछले 9 महीने से भटक रहे परिजन, दूसरी लहर में हुई थी मौत
कमतौल थाना क्षेत्र के पिंडारुछ गांव के शिव कांत झा के परिवार पर दूसरी लहर में कोरोना ने काल बनकर बरपा दिया। तीन लोगों को अपनी चपेट में लेकर मौत की नींद सुला दी। मृतकों में उनकी पत्नी पुनीता देवी, बड़े बेटे कुमार कुंदन व दामाद श्यामकांत मिश्र थे। वर्ष 2021 के अप्रैल माह में यह हादसा हुआ। लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण सरकार की ओर से प्रति व्यक्ति की मौत पर मिलने वाला चार लाख का मुआवजा एक ही मृतक के नाम पर मिला है। शेष दो मुआवजे को लेकर परिजन प्रखंड, अंचल, सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर जिला आपदा कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। 9 माह बीत गए लेकिन मुआवजा नहीं मिला है।
घर के मुखिया व वयोवृद्ध पूर्व सरपंच शिव कांत झा ने बताया कि कोरोना ने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया। एक के बाद एक तीनों लोगों की मौत हो गई। जिसमें उनकी पत्नी, बेटे व दामाद शामिल हैं। मुआवजा राशि के लिए उन्होंने अंचल,सिविल सर्जन व जिला आपदा कार्यालय में ऑफलाइन व ऑनलाइन आवेदन किया। मेरे मृत दामाद श्यामकांत मिश्र के नाम पर मुआवजा उनके परिजन को मिल गया। लेकिन मेरी मृत पत्नी व बेटे के नाम पर मिलने वाला मुआवजा नहीं मिला है। बीते 9 महीना से अंचल कहता है कि सिविल सर्जन ऑफिस जाइए। वहां जाने पर कहा जाता है कि जिला आपदा ऑफिस जाइए। तीनों ऑफिस मिलकर हम बूढ़े को यहां से वहां और वहां से यहां दौरा रहा है।
बेटे ने कर्ज लेकर दुकान खड़ी की थी अब कर्जदार रुपए की मांग कर रहे हैं
शिवकांत झा का भरा पूरा परिवार था। परिवार में 11 आदमी थे, जिसमें 8 कोरोना की चपेट में आ गए। जिसमें से तीन की मौत हो गई। बेटा कुमार कुंदन की एक छोटी सी रंग पेंट की दुकान थी। उसी से परिवार चलता था। वह परिवार चलाने के लिए बैंक सहित कुछ निजी लोग से करीब 5 लाख रुपए कर्ज भी लिए थे।, जो हम लोगों को पता नहीं था। लेकिन उसकी मौत के बाद अब मुझसे सबके सब कर्ज के रूप में लिए गए रुपए मांगने आते हैं। इस स्थिति में तो मुझे परिवार को भरण पोषण करने में भी कठिनाई आ रही है। 5 जनवरी को मुख्यमंत्री की बैठक व 8 जनवरी को आपदा विभाग ने राज्य के सभी डीएम को निर्देश दिए थे कि 10 जनवरी तक राज्य में सभी कोरोना पीड़ित मृतकों के आश्रित को राशि दे देना है। लेकिन अभीतक नहीं मिला।