खान सर डरे या हो गया समझौता:आंदोलन में नेताजी उतरे सड़क पर तो छात्र हो गए गायब
पटना।
पटना की सड़कों पर उतरे विपक्षी नेताओं की रेलवे अभ्यर्थियों ने ऐसी की तैसी कर दी। छात्रों के भरोसे सड़क पर बिना किसी तैयारी के उतरे विपक्ष के नेताओं को न कार्यकर्ता मिले और न छात्र। हालांकि, पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना के डाक बंगला चौराहे पर बंद के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश जरूर की। लेकिन, चंद घंटों में ही ये साफ हो गया कि ये हंगामा राजनीतिक कार्यकर्ताओं का है और इससे रेलवे अभ्यर्थी पूरी तरह से अलग हो गए हैं।
महागठबंधन और आधे NDA के विरोध-प्रदर्शन पर अभ्यर्थियों ने लगाया पलीता
बिहार में रेलवे अभ्यर्थियों के समर्थन में बंद में उतरे, विपक्ष ही नहीं आधे सत्ता पक्ष को भी विरोध के नाम पर टायरों के जलते धुंए के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा। गुस्साए विपक्षी नेताओं ने कभी खान सर को कोस कर तो कभी दुकानों के शटर गिराकर अपनी झुंझलाहट सड़कों पर जाहिर की। असल में विपक्ष को इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि छात्रों का रुख इतनी तेजी से बदल जाएगा। यही वजह रही कि पार्टियों ने बंद का ऐलान तो कर दिया था, लेकिन बंद को प्रभावी बनाने के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई थी। असर ये रहा कि बंद का समर्थन कर रहीं पार्टियों के कार्यकर्ता सड़क पर सुनियोजित ढंग से नहीं उतर पाए और 28 जनवरी का बंद हवा-हवाई रह गया। गौर करने की बात ये है कि इसमें न सिर्फ विपक्ष की हवा निकल गई। बल्कि सत्ता में शामिल दो पार्टियां वीआईपी और हम के दावे भी फेल हो गए, क्योंकि इन दोनों पार्टियों ने भी बंद का समर्थन किया था।
BJP नेता सुशील मोदी।
7 मिनट के वीडियो में 10 बार हाथ जोड़ खान सर कर गया असर
यूपी के चुनाव को देखते हुए भाजपा इस मामले को जल्द-जल्द से सुलझाना चाह रही थी। खान सर का असर रेलवे अभ्यर्थियों पर जबदस्त है, इस बात की समझ सरकार को भली-भांति हो चुकी थी। लिहाजा बिहार की बजाय सीधे दिल्ली से इस मामले पर हस्तक्षेप शुरू हो गया। इस पूरे मामले में दिल्ली और बिहार के बीच कड़ी बने, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी। सुशील मोदी ने न सिर्फ इस मामले पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की, बल्कि खान सर से भी संपर्क साधा। इसके बाद उन्होंने इस मामले पर छात्रों के लिए एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने रेल मंत्री द्वारा छात्रों की मांगों को मान लिए जाने की बात कही। सुशील मोदी का वीडियो सामने आने के कुछ देर बाद खान सर की तरफ से वीडियो जारी किया गया । 7 मिनट के इस वीडियो में खान सर ने 10 बार छात्रों के सामने हाथ जोड़कर 28 जनवरी के बंद में नहीं शामिल होने की अपील की। अपने वीडियो में उन्होंने सुशील मोदी के बातों पर भरोसा जताया तो 2 से 3 बार PMO की चर्चा की है।
बिहार भाजपा सोचती रही सुशील मोदी कर गए काम
रेलवे अभ्यर्थियों के गुस्से को शांत कराने में सफल रहे सुशील मोदी एक बार फिर पूरे बिहार भाजपा पर भारी पड़े हैं। दिल्ली में बैठे सुशील मोदी ने बिहार में विपक्षी पार्टियों की पूरी प्लानिंग पर पानी फेर दिया। दूसरी तरफ उन्होंने यूपी में भाजपा को होने वाले डैमेज को भी काफी हद तक कंट्रोल कर लिया है। सुशील मोदी की इस रणनीति ने उन्हें पूरी बिहार भाजपा से एक कदम आगे कर दिया। वो एक बार फिर ये साबित करने में कामयाब रहे हैं कि बिहार भाजपा में भले ही वो किसी पद पर नही हैं लेकिन बिहार भाजपा के असल चाणक्य तो वही हैं।