Tuesday, November 26, 2024
Vaishali

कुष्ठ के निवारण के लिए अब चलाया जाएगा एफएलसी और एसडीआर अभियान ।

बक्सर, 01 दिसंबर | जिले से कुष्ठ रोग को पूरी तरह मिटाने के लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर एक्टिव केस डिटेक्शन एंड रेगुलर सर्विलांस (एसीडीआरएस) का संचालन किया गया। जिसकी मदद से जिले में कुल 62 नए मरीजों की खोज के साथ साथ उनका उपचार भी शुरू किया गया। लेकिन, एसीडीआरएस के समापन के बाद जिले में फोकस लेप्रोसी कैम्पेन (एफएलसी) और सिंगल डोज रिफैम्पिसिन (एसडीआर) अभियान की शुरुआत की गई है। जिसके माध्यम से नए मरीजों के निवास स्थान के आसपास समय समय पर अभियान चला कर 30-30 लोगों की जांच की जाएगी और मरीजों के परिवार के सदस्यों को सिंगल डोज रिफैम्पिसिन की दवा खिलाई जाएगी। ताकि, मरीजों के परिजनों में कुष्ठ के लक्षण दिखने से पूर्व ही उसका सफाया किया जा सके। इन्ही अभियानों की समीक्षा के लिए पुराना सदर अस्पताल में स्थित जिला कुष्ठ कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट ने की।
लोगों में है जागरुकता का अभाव :
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में अभी भी जागरूकता का अभाव है। जिसे दूर करने के लिए उचित कदम उठाने होंगे। जिन इलाकों में कुष्ठ के नए मरीज मिले हैं, उन इलाकों में लोगों को कुष्ठ के लक्षण व उसके बचाव की जानकारी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा, कुष्ठ रोग पाप या श्राप का फल नहीं है। यह एक बीमारी है, जो एमडीटी की दवा खाने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है। जो सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में मिलती है। कुष्ठ रोग के इलाज में देरी के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इससे व्यक्ति को शारीरिक अपंगता हो सकती है। उसके अंग कुरूप हो सकते हैं, तंत्रिकाएं स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। बीमारी का जल्द से जल्द इलाज जरूरी है, ताकि मरीज के ऊतकों को गंभीर नुकसान न पहुंचे।
पांडेयपट्टी में चलाया गया एफएलसी और एसडीआर अभियान :
जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, एसीडीआरएस के तहत पूरे जिले में खोजी अभियान चलाया गया था। जिले की 2135281 आबादी पर 1012963 लोगों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिनमें 62 नए मरीजों की पुष्टि हुई। बीते दिनों सदर प्रखंड के पाण्डेयपट्टी में एफएलसी और एसडीआर अभियान चलाया गया। जिसमें लोगों की जांच करने के बाद उनको दवाओं का सेवन कराया गया। उन्होंने बताया, यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर पर कोई लाल बदरंग या तांबिया रंग का दाग धब्बा जिसमें सुनापन हो। दाग दब्बा पर पसीना का नहीं आना या बाल का नहीं आना हाथ पैर के नशों में झनझनाहट का होना यह कुष्ठ रोग हो सकता है। वैसे लोगों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्य जाचं करा लेनी चाहिए ताकि ससमय इलाज हो सके।

Kunal Gupta
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