समस्तीपुर जिले में बाढ़ से प्रभावित हुए 381 पंचायत : मंत्री श्रवण कुमार।
समस्तीपुर। बाढ़ व बारिश की वजह से आम लोगों को हुए नुकसान को लेकर सहायता प्रदान की जा रही है। बाढ़ व वर्षा के पानी से नुकसान हुआ है। पानी निकलने के बाद सही तरीके से आकलन किया जाएगा। उक्त बातें जिले के प्रभारी सह ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित आपदा से संबंधित समीक्षा बैठक के उपरांत प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। मंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई तमाम सड़कों की मरम्मत का कार्य भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से संबंधित नियमावली के तहत किसान को सरकारी सहायता दी जाएगी। जिले में धान, सब्जी, ईख सहित अन्य फसलों की हुई क्षति का आकलन कराया जा रहा है। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिसके तहत उन्हें सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में शामिल नए जगहों में भी साफ-सफाई शुरू करानी है। नगर निगम में आवंटित राशि से ही उन क्षेत्रों का जरूरी काम भी कराया जाना है। मंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन कार्य में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। पहले लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे थे। अब वैक्सीन के लिए केंद्रों पर भीड़ उमड़ रही है। इसको लेकर अधिक से अधिक केंद्र स्थल बनाने का निर्देश दिया गया। आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट में साढे चार लाख से अधिक लोग हुए प्रभावित
प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत किया। विभाग के द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया है जिले के 20 पंचायतों की पूरी आबादी एवं फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। वहीं 361 पंचायतों में लगी फसलें आंशिक पूरी से बर्बाद हुई है। यानि जिले के कुल 381 पंचायत बाढ से प्रभावित हुए हैं। 4.548 लाख की आबादी इस बार के बाढ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित हुई है। जबकि 0.08613 लाख पशु प्रभावित हुए हैं। अभी भी आठ प्रखंड बाढ से प्रभावित हैं। समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत रिपोर्ट में द्वितीय चरण में चालीस पंचायत सीधे तौर पर प्रभावित होने की बात कही गई। वहीं तीसरे फेज में कुल 17 पंचायत बाढ से प्रभावित हुए। बाढ़ का समेकित प्रभाव 79 पंचायतों में रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि कुल 369 सरकारी एवं गैर सरकारी नावों एवं मोटर वोट का परिचालन किया गया। वहीं 171 सामुदायिक किचेन चलाए गए, जिसमें 13 लाख 17 हजार 993 लोगों ने भोजन किया। इसके अलावा शौचालय, चापाकल पीएचईडी के माध्यम से गड़वाए गए। डीएम ने बताया कि 56627 परिवारों को अब तक जीआर की राशि मिल चुकी है। शेष प्रभावित लोगों को जीआर की राशि शीघ्र हस्तांतरित कर दी जाएगी। विधायकों ने रखी जिले की समस्याएं
प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक में जिले के विधायकों ने भी अपने क्षेत्र की समस्याएं रखी। इस पर उचित कार्रवाई का आश्वासन भी मंत्री के द्वारा दिया गया। मंत्री ने कहा कि शहर में जल जमाव की समस्या से निजात के लिए मास्टर प्लान तैयार कराया जाएगा। इसके लिए बैठक की जाएगी। अस्पतालों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर कार्रवाई करने का निर्देश भी डीएम और सिविल सर्जन को दिया। शहर में जल निकासी को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लगे मोटर पंपिग सेट को सितंबर माह तक संस्थापित रहने देने के सुझाव दिया गया।
इस बैठक में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक मानव जीत सिंह ढिल्लो, विधान पार्षद मदन मोहन झा, विधायक अशोक कुमार मुन्ना,वीरेंद्र कुमार, अजय कुमार, अख्तरुल इस्लाम शाहीन,राजेश कुमार सिंह,रणविजय साहू, आलोक मेहता, विधान पार्षद संजय पासवान, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन, आप्त सचिव कौशलेंद्र, अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, निदेशक लेखा प्रशासन एवं स्व नियोजन,अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण, सिविल सर्जन समेत अन्य मौजूद थे।