किराये पर ट्रेन लेकर निजी कंपनियां भी करा सकेंगी पर्यटन स्थलों की सैर, टूनिज्म को बढ़ावा देने के लिए रेलवे का बड़ा फैसला ।
नई दिल्ली, पीटीआइ। ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। निजी कंपनियां जल्द ही थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे कोच किराये पर लेने और खरीदने में सक्षम होंगी। भारतीय रेलवे इस सिलसिले में नीति बनाने में जुटा हुआ है। रेलवे ने शनिवार को बताया कि निजी कंपनियों को इसकी अनुमति देने और परियोजना के नियमों को तैयार करने के लिए रेल मंत्रालय ने कार्यकारी निदेशक स्तर की एक समिति का गठन किया है।
बढ़ेगी पर्यटन क्षेत्र की क्षमता
उम्मीद की जा रही है कि इस सुविधा के जरिये पर्यटन क्षेत्र की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही पर्यटन गतिविधियों जैसे-विपणन, आतिथ्य, सेवाओं के एकीकरण, ग्राहक आधार के साथ पहुंच, पर्यटन सíकट के विकास व पहचान आदि में पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों का लाभ उठाया जा सकेगा।
कोचों की एकमुश्त खरीद भी हो सकेगी
भारतीय रेलवे इच्छुक पार्टियों को थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों के रूप में चलाने के लिए कोचिंग स्टाक को पट्टे पर देकर जनता के बीच रेल आधारित पर्यटन का प्रसार करने की योजना बना रहा है। रेलवे के अनुसार इच्छुक पार्टियों को कोच पट्टे पर दिया जा सकता है। इसके अलावा कोचों की एकमुश्त खरीद भी की जा सकती है।
पांच साल तक के लिए होगा पट्टा
प्रस्तावित माडल के तहत रेलवे निजी पार्टियों को कोचों के मामूली नवीनीकरण और कोचों को कम-से-कम पांच साल की अवधि के लिए पट्टे पर देने की अनुमति देगा। इच्छुक पार्टी व्यवसाय माडल (मार्ग, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ) खुद तय करेगी।
एकमुश्त ट्रेन खरीदने पर नहीं देना होगा लीज चार्ज
टूरिस्ट ट्रेन चलाने वाली पार्टी को भारतीय रेलवे को हालेज चार्ज देना होगा। ट्रेन अगर लीज पर ली जाती है तो लीज चार्ज भी देना होगा। हालांकि एकमुश्त ट्रेन की खरीदारी करने वाली पार्टी को लीज चार्ज नहीं देना होगा। इन ट्रेनों में तीसरे पक्ष के विज्ञापन की भी अनुमति दी जाएगी।
कम-से-कम 16 कोच वाली ट्रेन खरीदनी होगी
योजना के तहत इच्छुक पार्टियों को कम-से-कम 16 कोच वाली ट्रेन खरीदनी होगी या लीज पर लेनी होगी। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब अपनी निजी ट्रेनें चलाने के लिए निजी कंपनियों को आकíषत करने के रेलवे के प्रयासों को उद्योग जगत से बहुत कम दिलचस्पी मिल रही है।