अफगानिस्तान के विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू, क्लासरूम में छात्र-छात्राओं के बीच लगा पर्दा ।
नई दिल्ली।काबुल,। अफगानिस्तान (Afghanistan) के विश्वविद्यालय दोबारा से खोल दिए गए हैं। तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार विद्यार्थियों ने कालेज में पढ़ाई की शुरुआत की। इस क्रम में क्लास में पढ़ाई के दौरान लड़के व लड़कियों को अलग-अलग बिठाया गया। इस क्रम में ये एक दूसरे को न देख सकें इसके लिए बीच में एक पर्दा लगा दिया गया। कक्षा में लड़के और लड़कियों के बीच पर्दे के वायरल फोटो पर तालिबान की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। परंतु, पिछले हफ्ते तालिबान ने कहा था कि विश्वविद्यालयों और कालेज में छात्र और छात्राओं को अलग-अलग बिठाया जाएगा।
तालिबान के अफगान की सत्ता में वापसी के बाद यहां क्या हो रहा है इसपर दुनिया भर की निगाहें हैं विशेषकर यहां की महिलाओं व लड़कियों को तालिबान की वापसी के बाद उनके हक मिल रहे हैं या नहीं। कुछ पश्चिमी देशों ने यहां तक कहा है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान को फंड देना इस बात पर निर्भर है कि वह देश को किस तरह चलाता है। 1996-2001 में जब तालिबान अफगान की सत्ता में था तब इसने यूनिवर्सिटी में पढ़ाई तो दूर काम पर जानेे को लेकर भी महिलाओं व लड़कियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इस बार तालिबान की ओर से यह वादा किया गया है कि वह इस्लाम के कानूनों के अनुसार महिला अधिकारों को सम्मान देगा लेकिन अभी देखना बाकी है कि इसका कितना कार्यान्वयन होता है।
लड़कियों के लिए महिला शिक्षिकाओं की होगी नियुक्ति
काबुल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली 21 साल की अंजिला ने रायटर को फोन पर बताया कि कक्षा में पर्दा लगाना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने बताया, ‘जब मैंने कक्षा में प्रवेश किया तो वास्तव में मुझे बहुत बुरा लगा। हम धीरे-धीरे 20 साल पहले वाली स्थिति में जा रहे हैं।’ अंजिला ने कहा कि तालिबान के आने से पहले भी अफगानिस्तान में छात्राएं छात्रों से अलग बैठती थीं, लेकिन कक्षा में पर्दा नहीं लगाया गया था। यह भी कहा जा रहा है कि लड़कियों को पढ़ाने के लिए महिला शिक्षकों को नियुक्त किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अब देश में सरकार के गठन की तैयारियों में तालिबान व्यस्त है। प्रेट्र के अनुसार इसने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान, चीन, रूस, ईरान, कतर और तुर्की जैसे देशों को न्योता भेजा है। सोमवार को इस बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
बता दें कि चीन तालिबान के साथ मिलकर काम कर रहा है और उसने पाकिस्तान और रूस के साथ काबुल में अपने दूतावास को चालू रखा है। काबुल में उसके राजदूत वांग यू ने सोमवार को तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख मावलावी अब्दुल सलाम हनिफी से मुलाकात भी की।