Saturday, February 15, 2025
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“जब पुलवामा में 40 जवान मारे गए, पति वहीं थे:हम फोन लगा रहे थे; वो उठा नहीं रहे थे,वैसा वेलेंटाइन डे कभी न आए

पटना.साल 2019…तारीख 14 फरवरी। जब पूरा देश वेलेंटाइन डे मना रहा था, तभी जम्मू–कश्मीर के पुलवामा में जैश–ए–मोहम्मद के एक आतंकी ने CRPF के काफिले पर हमला किया था। 40 जवान शहीद हो गए। मेरे पति भी उस वक्त पुलवामा में ही पोस्टेड थे।टीवी पर जब ये खबर आई तो रूह कांप उठी। मैं पति को फोन लगाने लगी। बार–बार कॉल किया, लेकिन उनका फोन स्वीच ऑफ था।

जब टीवी पर शहीद हुए सैनिकों के नाम आ रहे थे, तब मेरी निगाह बार–बार ठहर जा रही थीं कि कहीं मेरे पति का नाम इसमें न आ जाए।कई घंटों बाद पति से बात हुई। उन्होंने बताया कि वो सुरक्षित हैं। इस घटना को हुए आज 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन मैं ऐसा वेलेंटाइन डे कभी नहीं देखना चाहती।यह कहना है सीवान के दर्शनी गांव के दीपक कुमार सिंह की पत्नी पूजा का। दीपक गुवाहाटी में CRPF में SI हैं। पत्नी कहती हैं, ‘जबसे शादी हुई है तब से वेलेंटाइन डे के दिन हम साथ नहीं रहे हैं।’

14 फरवरी का नाम सुनकर पूजा डर जाती है। पुलवामा हमले को याद कर बताती हैं, ‘हमारी शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ था। 2019 में हमने वेलेंटाइन डे को लेकर काफी तैयारी की थी। साथ में तो नहीं थे, लेकिन हम दोनों ने फोन से ही बातचीत करने और प्यार का इजहार करने का सोचा था। तब दीपक पुलवामा में ही पोस्टेड थे।’दीपक गुवाहाटी में CRPF में SI हैं। पुलवामा हमले के समय वह वहीं पोस्टेड थे। उस दिन का डर पत्नी पूजा को आज भी परेशान करता है।14 फरवरी की सुबह बातचीत हुई थी। बोला था कि आराम से बातचीत करेंगे। दोपहर में अचानक टीवी पर खबर आई कि आतंकवादियों ने पुलवामा में CRPF के काफिले पर अटैक कर दिया है। इसके बाद दीपक का मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा था। घर के सारे लोग परेशान हो गए थे।

‘हमारे आंखों के सामने अंधेरा छा गया था। घर के सभी लोग टीवी पर नजर गड़ाए बैठे थे कि कहीं दीपक का नाम तो नहीं है। रात भर टीवी के सामने बैठी रही। अगले दिन कांपते हाथों से अखबार का पेज पलट रही थी कि दीपक का नाम नहीं दिख जाए। हम सभी डर गए थे।’

हमने लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अगले दो दिन तक उनसे बातचीत नहीं हो पाई थी। जब उन्होंने फोन कर बताया कि हम लोग सुरक्षित हैं तब मन शांत हुआ।’आगे कहती हैं, ‘वैसा वेलेंटाइन डे कभी ना आए। अब हम पहले से वेलेंटाइन डे को लेकर कोई तैयारी नहीं करते हैं, लेकिन मन में इच्छा होती है कि साथ में वेलेंटाइन डे मनाएं। आज के दिन हम पूरे परिवार के लोग एक साथ रहे। ढेर सारी बात करें। फोन से भी बातचीत हो जाती है तो मन शांत हो जाता है।’

‘दीपक मेरे से क्या पूरे देश से प्यार करते हैं। हमें उनके ऊपर गर्व है। हमारे लिए हर रोज वेलेंटाइन डे, क्योंकि हर रोज देश से प्यार करते हैं।’आर्मी में लांस नायक विकास का घर पटना के मनेर में है। वे अभी 25 साल के हैं। 10 दिन पहले ही उन्हें राजस्थान भेजा गया है। इसके पहले वह जम्मू-कश्मीर में थे।17 फरवरी को उनकी शादी की तीसरी सालगिरह है। पत्नी गुड़िया घर में सालगिरह की तैयारी कर रही है। कहती हैं, ‘शादी के 2 साल होने को है। हमने आज तक साथ में ना वेलेंटाइन डे मनाया है और ना ही शादी की सालगिरह।’

‘मन में इच्छा होती है कि हम भी दूसरे लोगों के तरह साथ में वेलेंटाइन डे मनाएं। रेस्टोरेंट जाएं, घूमे-फिरे, लेकिन इस दिन उन्हें छुट्टी ही नहीं मिलती है। वेलेंटाइन डे के 3 दिन बाद ही हमारी शादी की सालगिरह है। हम तो सोचते हैं कि वेलेंटाइन डे से लेकर शादी की सालगिरह तक सेलिब्रेट करें।’विकास को जम्मू-कश्मीर से राजस्थान भेजा गया है, तब से फोन से बातचीत होती है। जब जम्मू कश्मीर में थे तो कई दिनों तक बातचीत भी नहीं होती थी।’

कहतीं हैं, ‘वेलेंटाइन डे के दिन साथ में तो नहीं रहेंगे, लेकिन अगर छुट्टी मिल गई तो शादी की सालगिरह साथ में मनाएंगे। सालगिरह के लिए अभी से तैयारी में जुट गई हूं।’

अगर छुट्टी नहीं मिली तो सवाल पर कहती हैं, ‘कोई नहीं, सब्र कर लूंगी। फोन से बात हो जाती है, मेरे लिए यह भी काफी है। मैं गर्व करती हूं कि मेरे पति देश की सेवा कर रहे हैं। भले ही साथ में ना रहें, एक साथ वेलेंटाइन डे नहीं मनाए, लेकिन कम से कम फोन से बातचीत होती रहे।’

कश्मीर की खबर सुनकर टीवी से चिपक जाती हूं…

दानापुर में आर्मी जवान राकेश कुमार सिंह की पत्नी चंचल देवी बच्चों को लेकर रहती हैं। राकेश जम्मू-कश्मीर में हवलदार हैं। ये आरा के रहने वाले हैं।

चंचल बताती हैं, ‘शादी को 18 साल हो गए हैं, लेकिन आज तक साथ में वेलेंटाइन डे नहीं मनाया है। लास्ट टाइम दिसंबर में घर आए थे।’

‘सोचती हूं कि हम भी एक साथ वेलेंटाइन डे मनाते, लेकिन इस समय उन्हें कभी छुट्टी मिलती ही नहीं है। जब नई-नई शादी हुई थी, तब मन में रहता था कि काश आज के दिन एक साथ रहते और एक दूसरे से प्यार का इजहार करते। दूसरों को देखकर अभी भी मन में रहता है कि 14 फरवरी के दिन हम एक साथ रहते। बच्चों के साथ कहीं घूमने जाते और खाते-पीते।’

आर्मी जवान राकेश कुमार सिंह की पत्नी चंचल देवी ने कहा- हमारे लिए हर रोज वेलेंटाइन डे है।
वह आगे कहती हैं, ‘अब तो उनका देश सेवा ही हमारे लिए वेलेंटाइन है। इस दिन हमारी फोन से ही बातचीत होती है। किसी-किसी साल ऐसा भी होता है कि 14 फरवरी के दिन राकेश किसी स्पेशल ऑपेरेशन में चले गए तो उस दिन हमारी बातचीत नहीं होती है। राकेश से कहने के लिए मन में तो काफी कुछ रहता है, लेकिन उनसे कह नहीं पाते हैं।’

‘आए दिन न्यूज चैनल में चल रही खबरों को देखकर डर जाती हूं। राकेश जम्मू-कश्मीर में हैं और जब कभी भी टीवी चैनल पर जम्मू-कश्मीर और सेना को लेकर कोई खबर आती है तो मन में भय हो जाता है। भगवान से प्रार्थना करने लगती हूं कि राकेश का नाम ना हो। तुरंत उन्हें फोन करती हूं। जब तक बातचीत नहीं हो जाए तब तक खाना भी अच्छा नहीं लगता है। इस तरह तो हम हर रोज प्यार करते और हर रोज हमारे लिए वेलेंटाइन डे हैं।’
सोर्स :दैनिक भास्कर।

Kunal Gupta

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